RAIPUR. केंद्र सरकार ने CG में कर्मचारियों का 4 फीसदी डीए बढ़ा दिया है। ऐसा सातवां वेतन आयोग लागू करने के बाद हुआ है। इसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 46 प्रतिशत से बढ़कर 50 परसेंट हो गया है। लोकसभा चुनाव से पहले देश के 33 लाख केंद्रीय कर्मचारियों में खुशी का वातावरण है। इसी को देखते हुए राज्य कर्मचारियों ने अपना डीए बढ़ाने की मांग तेज कर दी है।
चार फीसदी बढ़ा तो 46 प्रतिशत हो जाएगा DA
केंद्र के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी महंगाई भत्ते (DA) की मांग तेज हो गई है। कर्मचारी और शिक्षक संगठन अब इसको लेकर मुखर होने लगे हैं। वजह यह कि केंद्र और छत्तीसगढ़ के डीए में आठ परसेंट का अंतर हो गया है। छत्तीसगढ़ में इस समय 42 परसेंट डीए मिल रहा है। अगर चार फीसदी डीए बढ़ा तो छत्तीसगढ़ में 46 प्रतिशत डीए हो जाएगा। चुनाव से पहले भाजपा ने कहा भी था कि कर्मचारियों को केंद्र के बराबर डीए दिया जाएगा। इसमें कोई अंतर नहीं रहेगा। इसलिए, सरकार भी डीए को लेकर संजीदा है। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि डीए को लेकर विचार विमर्श जारी है। कभी भी इस पर फैसला हो सकता है।
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भूपेश सरकार ने 2023 में दो बार DA बढ़ाया था
हालांकि, भूपेश बघेल सरकार में एक समय छत्तीसगढ़ और केंद्र के डीए में 16 परसेंट का फर्क आ गया था। जब छत्तीसगढ़ में राज्य कर्मचारियों का डीए 22 परसेंट और केंद्रीय कर्मचारियों का 38 परसेंट था। कर्मचारियों की नाराजगी को देखते भूपेश सरकार ने फिर तीन महीने यानी 2022 में अगस्त से अक्टूबर के बीच दो बार डीए बढ़ाया। एक बार पांच परसेंट और दूसरी बार छह परसेंट। तब जाकर राज्य के कर्मचारियों का डीए 38 परसेंट पर पहुंच पाया था। इसके बाद फिर चुनावी वर्ष 2023 में दो बार में 11 परसेंट बढ़ाकर डीए 42 परसेंट किया गया था। तब तक केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 42 प्रतिशत हो गया था।
ऑल इंडिया सर्विस के बहाने अफसरों की बल्ले-बल्ले
हालांकि, कांग्रेस सरकार ने आचार संहिता के दौरान 4 परसेंट डीए बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग से परमिशन मांगी थी। मगर आयोग ने परमिशन तो दी, लेकिन वोटिंग के बाद। इसके बाद कांग्रेस की सरकार ही बदल गई। हालांकि, आचार संहिता का फायदा उठाकर ऑल इंडिया के अफसरों ने अपना डीए बढ़वाकर केंद्र के बराबर करा लिया। दरअसल, आचार संहिता के दौरान चुनाव आयोग से कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने की अनुमति मांगी गई थी मगर सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने खेल करते हुए ऑल इंडिया सर्विस भी जोड़ दिया। यानि आईएएस, आईपीएस और आईएफएस। जैसे ही वोटिंग के बाद चुनाव आयोग की परमिशन आई, तब चूंकि आचार संहिता के दौरान सरकार से पूछने की जरूरत थी नहीं, इसलिए ऑल इंडिया सर्विस का डीए बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया। ऐसे में कर्मचारी वेट करते रहे और अफसर मलाई मार ले गए।