छत्तीसगढ़ में फर्जी प्रमााण पत्र से छीन रहे दिव्यांगों का हक, विभागीय जांच में 150 लोगों का खुलासा

छत्तीसगढ़ में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों से नौकरी पाने वालों पर सरकार सख्त है। 150 ऐसे लोगों की पहचान हुई है। अब नई व्यवस्था से ही दिव्यांगों को मिलेगी नौकरी, जिससे उनका हक सुरक्षित रहेगा।

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VINAY VERMA
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Photograph: (the sootr)

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RAIPUR. छत्तीसगढ़समाज कल्याणविभाग की जांच में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने का खुलासा हुआ है। शासन ने ऐसे 150 लोगों की लिस्ट बना कार्रवाई की तैयारी की है। हालांकि कुछ लोग कार्रवाई से पहले कोर्ट पहुंच गए हैं। यह सारी कार्रवाई दिव्यांगों की शिकायत पर की जा रही है।

दिव्यांगों ने बीते दिनों समाज कल्याण विभाग में ऐसे फर्जी दिव्यांगो के खिलाफ शिकायत की थी। इधर शासन ने नियुक्ति को लेकर नई व्यवस्था लागू की है। 

सभी विभागों को जारी हुआ पत्र

छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय सेवाओं में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र से होने वाली नियुक्तियों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाया है। राज्य में ऐसे मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही थी। वास्तविक दिव्यांगों के रोजगार के अवसर प्रभावित हो रहे थे। 

सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों, निगमों, मंडलों और अधीनस्थ कार्यालयों को लिखित आदेश जारी किया है। अब किसी भी दिव्यांग उम्मीदवार को नियुक्ति आदेश जारी करने से पहले निम्नलिखित प्रक्रिया अनिवार्य होगी।

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  • छत्तीसगढ़ समाज कल्याण विभाग ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले 150 लोगों का खुलासा किया है।
  • राज्य सरकार ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए नई व्यवस्था लागू की है, जिसमें अब दिव्यांगों की नियुक्ति से पहले फिर से मेडिकल जांच होगी।
  • छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी विभागों को आदेश जारी किया है कि दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए मेडिकल जांच अनिवार्य होगी, इससे फर्जी प्रमाण पत्र पर रोक लगेगी।
  • सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस नई व्यवस्था का पालन नहीं करने वाले विभागों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
  • असली दिव्यांगों के हक की रक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है, ताकि उनके रोजगार के अवसर सुरक्षित रह सकें।

नई व्यवस्था के तहत ज्वाइनिंग दी जाएगी

सरकार के नए आदेश के मुताबिक अब नियुक्ति पत्र सौपने से पहले दिव्यांगों का फिर से मेडिकल किया जाएगा। इसके लिए अलग से मेडिकल बोर्ड बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। कारण बताया जा रहा है कि नियुक्ति पाने के बाद कार्रवाई होने पर कर्मचारी कोर्ट पहुंच जाते हैं। ऐसे में मामला लंबा खिंच जाता है। दिव्यांगों का हक न मारा जाए इसके लिए अब इस नई व्यवस्था के तहत ज्वाइनिंग दी जाएगी। सरकार ने कहा कि निर्देशों की अनदेखी करने वाले विभागों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

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सरकार की ओर से सख्त कदम

सरकार ने साफ किया है कि कोई भी विभाग अगर नए आदेशों की अनदेखी करेगा, तो उसे कड़ी सजा दी जाएगी। जिन विभागों ने पहले से फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र पर नियुक्ति दी है, उनके खिलाफ भी जांच की जाएगी। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वास्तविक दिव्यांगों को ही सरकारी सेवाओं में नौकरी मिले। किसी भी तरह की धोखाधड़ी पर काबू पाया जा सके। 

आगे गड़बड़ी न हो इसलिए बनाए नए नियम-

सचिव, समाज कल्याण, भुवनेश यादव ने बताया कि कई विभागों में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर लोग नौकरी कर रहे थे। आगे से ऐसा न हो इसलिए, नए नियमों के तहत नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी करने वालों की पहचान कर ली गई है। जल्द ही इन पर कार्रवाई की जाएगी। अब नियुक्ति के पहले विभाग का मेडिकल बोर्ड जांच करेगा। इसके बाद ही पोस्टिंग दी जाएगी।

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