छत्तीसगढ़ में अब जल्द ही पूर्णकालिक डीजीपी (Director General of Police) की नियुक्ति होने वाली है। इसको लेकर आज यूपीएससी (UPSC) की सलेक्शन कमेटी की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने भाग लिया।
इस बैठक में चार आईपीएस अधिकारियों के नाम पर चर्चा की गई, जिनमें सीनियरिटी के आधार पर पवनदेव, अरुणदेव गौतम, जीपी सिंह और हिमांशु गुप्ता शामिल हैं।
प्रभारी डीजीपी अरुणदेव खुद भी इस पद के लिए दावेदार हैं। इस कारण वह बैठक में शामिल नहीं हो सके। अब यूपीएससी सलेक्शन कमेटी इन चार नामों में से तीन नामों का पैनल तैयार करेगी, जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय भेजा जाएगा। वहां से पैनल छत्तीसगढ़ सरकार को भेजा जाएगा और फिर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इस पैनल में से किसी एक नाम पर अपनी मंजूरी देंगे।
पहले मुख्यमंत्री सीधे करते थे डीजीपी की नियुक्ति
छत्तीसगढ़ में पहले मुख्यमंत्री खुद ही डीजीपी की नियुक्ति करते थे। इस प्रक्रिया को लेकर कोई निर्धारित नियम नहीं था। 2011 में एएन उपध्याय की नियुक्ति के बाद तक यूपीएससी को नाम भेजने का नियम लागू नहीं हुआ था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा गाइडलाइन जारी की गई, जिसमें कहा गया था कि डीजीपी की नियुक्ति कम से कम दो साल के लिए की जानी चाहिए। साथ ही अगर नियुक्ति के बाद छह महीने से कम समय में रिटायरमेंट का समय बचा हो, तो भी उन्हें दो साल का कार्यकाल पूरा करना होगा।
छत्तीसगढ़ में इस गाइडलाइन का पालन करते हुए, अशोक जुनेजा को इसका लाभ मिला था। अब इस नियम के तहत छत्तीसगढ़ को जल्द ही अपना नया और पूर्णकालिक डीजीपी मिलेगा, जो राज्य की कानून व्यवस्था को मजबूती से संभालेगा।
ये खबरें भी पढ़ें...
पाकिस्तान हाई कमीशन के अफसर को तुरंत भारत छोड़ने का आदेश: जानें क्या है वजह
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जबलपुर को दी शिक्षा क्षेत्र की ऐतिहासिक सौगात
डीजीपी के पद के लिए इन अधिकारियों के नाम
चार आईपीएस अधिकारियों के नाम पर चर्चा की गई, जिनमें से एक को पूर्णकालिक डीजीपी के रूप में नियुक्त किया जाएगा। ये अधिकारी सीनियरिटी और उनके पिछले कार्यकाल के आधार पर शॉर्टलिस्ट किए गए हैं:
1. पवनदेव
2. अरुणदेव गौतम
3. जीपी सिंह
4. हिमांशु गुप्ता
इनमें से किसी एक नाम पर अंतिम फैसला लिया जाएगा और यह मुख्यमंत्री के द्वारा मंजूर किया जाएगा।
ये खबरें भी पढ़ें...
विस उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने मंत्री विजय शाह और भूपेन्द्र सिंह पर उठाए सवाल
आखिर क्यों बढ़े रहे हैं एमपी में साल दर साल बढ़ रहे सिजेरियन ऑपरेशन
यूपीएससी सलेक्शन कमेटी की भूमिका
यूपीएससी सलेक्शन कमेटी का कार्य इस प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से संपन्न करना है। कमेटी तीन नामों का पैनल तैयार करेगी और उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजेगी। इसके बाद, पैनल छत्तीसगढ़ सरकार को भेजा जाएगा, जहां मुख्यमंत्री साय इस पैनल में से किसी एक नाम पर अंतिम निर्णय लेंगे।