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Photograph: (the sootr)
RAIPUR.छत्तीसगढ़ के लाखों कर्मचारी और पेंशनर्श लंबित मांगों को लेकर एक बड़ा आंदोलन चला रहे हैं। इसे एक मांग एक मंच हस्ताक्षर अभियान नाम दिया गया है। इसके जरिए कर्मचारी और अधिकारी डीए (महंगाई भत्ता) और एरियर्स भुगतान के लिए सरकार से लड़ाई लड़ रहे हैं। 33 दिनों तक चलने वाले अभियान की शुरुआत सरगुजा संभाग से हुई है। सभी संभागों के अभियान पूरा होने के बाद इसे मुख्य सचिव को सौंपा जाएगा।
10 दिनों में 50 हजार हस्ताक्षर
डीए और एरियर्स को लेकर कई बार मांग के बाद सरकारों ने जब ध्यान नहीं दिया तो कर्मचारियों ने मैदानी स्तर पर अभियान शुरू किया है। सर्वदलीय अभियान के जरिए अभियान को सभी 5 लाख अधिकारी-कर्मचारियों तक पहुंचाया जाएगा। बीते 10 दिनों में 50 हजार से ज्यादा लोगों ने हस्ताक्षर कर अभियान को समर्थन दिया है।
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अधिकारी-कर्मचारियों को 7 लाख तक का नुकसान
कर्मचारी संघ के नेता बताते हैं कि वर्तमान स्थिति की गणना में साढ़े 7 साल तक का एरियर्स लंबित है। जिसे छत्तीसगढ़ सरकार नहीं दे रही। ऐसे में अधिकारी और कर्मचारियों को 7 लाख रुपए तक का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इधन प्रदेश में 1 लाख 44 हजार पेंशनर्स और फैमिली फेशनर्स हैं। इनके भी एरियर्स भी लंबित हैं, जिससे बड़ी राशि का नुकसान होता है।
श्रेणी के अधिकारी-कर्मचारियों को नुकसान
- प्रथम वर्ग कर्मचारी को औसतन- 7 लाख
- द्वितीय वर्ग कर्मचारी को औसतन- 6 लाख
- तृतीय वर्ग कर्मचारी को औसतन- 5 लाख
- चतुर्थ वर्ग कर्मचारी को औसतन - 3, 5 लाख
इसके अलावा 8वें वेतनमान के निर्धारण में उसका फर्क पड़ेगा। इसके बाद रिटायर के दौरान ग्रेजुएटी और पेंशन निर्धारण में बड़ी राशि का अंतर होगा।
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बजट में शामिल करवाने की कोशिश
अधिकारियों-कर्मचारियों के संयुक्त संगठन के प्रदेश अध्यक्ष करण सिंह अटेरिया ने कहा कि सरकार से संवाद जारी है। हालांकि, मांगों पर ठोस निर्णय नहीं आया, इसलिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया।
रिटायर्ड कर्मचारी विद्याभूषण दुबे ने बताया कि यह आंदोलन हर जिले और विभाग तक पहुंचेगा। नवंबर से दिसंबर तक चलने वाले अभियान से सरकार पर दबाव डाला जाएगा। इसका उद्देश्य आगामी बजट में एरिएर्स को शामिल करना है।
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