छत्तीसगढ़ में फिर शुरू होगी घर वापसी, धर्मांतरण रोकने नया कानून ला रही सरकार

छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार धर्मांतरण रोकने के लिए गंभीर बनी हुई है। धन लालच देकर प्रदेश में हो रहे आदिवासियों के धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए नया और कड़ा कानून लाया जा रहा है। सरकार जल्द ही नए कानून के ड्राफ्ट को अमलीजामा पहनाएगी।

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Vikram Jain
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Chhattisgarh government new law to stop religious conversion CM Vishnudev Say Dilip Singh Judeo religious conversion
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अरुण तिवारी, RAIPUR. छत्तीसगढ़ सरकार ( Chhattisgarh government ) एक बार फिर घर वापसी अभियान शुरु करने जा रही है। पहले ये अभियान बीजेपी के वरिष्ठ नेता दिलीप सिंह जूदेव ( Dilip Singh Judeo) ने शुरू किया था। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण (Conversion in Chhattisgarh) एक बड़ा मुद्दा रहा है। बीजेपी इस बात को हमेशा से कहती आई है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हो रहा है। आदिवासियों को पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। इसको रोकने के लिए नया और कड़ा कानून भी लाया जा रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद घर वापसी अभियान शुरु किया जाएगा। सरकार जल्द ही नए कानून के ड्राफ्ट को अमलीजामा पहनाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि अगले विधानसभा सत्र में इस विधेयक को विधानसभा में पेश किया जा सकता है।

धर्मांतरण को लेकर सरकार सख्त

धर्मांतरण पर पहले से कानून है लेकिन सरकार अब और सख्त कानून बनाने जा रही है। इसका ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। हालांकि इस कानून को लाने की मंशा सरकार की लोकसभा चुनाव से पहले की थी लेकिन अब ये कानून लोकसभा चुनाव के बाद लाया जाएगा। सरकार कहती है कि पिछले पांच साल में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हुआ है।अब ये धर्मांतरण आदिवासियों से आगे बढ़कर ओबीसी और सवर्ण समाज में भी होने लगा है। सरकारी तौर पर तो पिछले पांच सालों में इसकी करीब साढ़े तीन हजार शिकायतें आई थीं लेकिन सरकार से जुड़े सूत्र बताते हैं कि धर्मांतरण की संख्या लाखों में है जो सरकारी कागज पर नहीं आ पाती। अब सरकार इसी धर्मांतरण को रोकने के लिए सख्त कानून (enacts strict laws to stop religious conversion) ला रही है। उम्मीद की जा रही है कि कानून का ये ड्राफ्ट विधेयक के रुप में आने वाले विधानसभा सत्र में पेश किया जा सकता है।

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ये है नए कानून का ड्राफ्ट

  • सूत्रों के मुताबिक नए कानून में ये प्रावधान रहेगा कि जो व्यक्ति धर्म परिवर्तन करना चाहता है वो एक फॉर्म भरकर जिला मजिस्ट्रेट के पास जमा कराएगा, मजिस्ट्रेट पुलिस को इसके कारण,वास्तविक इरादे और मकसद के बारे में पूरी जांच करने को कहेंगे। पुलिस की जांच में यदि कुछ संदिग्ध निकला तो धर्म परिवर्तन नहीं कराया जा सकता। 
  • अनुचित प्रभाव, जोर जबरदस्ती, प्रलोभन, विवाद प्रस्ताव या कपटपूर्ण तरीके से धर्म परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। यदि इसमें से कोई एक भी कारण सामने आता है तो धर्मांतरण अवैध माना जाएगा। इसमें एक और प्रावधान किया जा रहा है कि धर्म परिवर्तन के बाद व्यक्ति को एक डिक्लेरेशन फॉर्म भरकर खुद डीम के सामने पेश होना होगा। ऐसा नहीं किया तो भी धर्मांतरण अवैध माना जाएगा।
  • वैरीफिकेशन पूरा होने तक डिक्लेरेशन फॉर्म की एक प्रति नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाएगी। डीएम धर्म परिवर्तन करने वाले की रजिस्ट्री भी अपने पास जमा कराएंगे।
  • धर्म परिवरर्तन करने वाले के परिवार वालों को यदि इसमें आपत्ति है तो वे एफआईआर दर्ज करा सकेंगे। ये मामला गैर जमानती होगा और इसकी सुनवाई सेशन कोर्ट में होगी। इसमें दो से दस साल तक जेल हो सकती है और पच्चीस हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा।
  • अवैध तरीके से धर्म परिवर्तन कराए जाने पर तीन साल से दस साल तक की सजा होगी और पचास हजार रुपए तक जुर्माना लगेगा। कोर्ट धर्म परिवर्तन के पीड़ित को पांच लाख रुपए तक मुआवजा भी मंजूर कर सकता है।
  • धर्म परिवर्तन अवैध नहीं है यह साबित करने की जिम्मेदारी धर्म परिवर्तन कराने वालों पर होगी। उन पर नहीं जो अपने वास्तविक धर्म में लौटना चाहते हैं।

 

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