छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का फैसला, कातिल CRPF कांस्टेबल को राहत नहीं

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने चार सहकर्मियों की हत्या के दोषी CRPF कांस्टेबल संत कुमार की अपील को खारिज करते हुए उसकी सजा को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने साफ कहा कि ड्यूटी का तनाव किसी को इतना क्रूर कदम उठाने की छूट नहीं देता।

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Krishna Kumar Sikander
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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने चार सहकर्मियों की हत्या के दोषी CRPF कांस्टेबल संत कुमार की अपील को खारिज करते हुए उसकी सजा को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच, जिसमें चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी.डी. गुरु शामिल थे, ने साफ कहा कि ड्यूटी का तनाव किसी को इतना क्रूर कदम उठाने की छूट नहीं देता। कोर्ट ने घायल चश्मदीद गवाह की गवाही को महत्वपूर्ण मानते हुए कहा कि इसमें कोई विरोधाभास नहीं है, इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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ड्यूटी को लेकर विवाद में वारदात

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घटना 9 दिसंबर 2017 की है, जब बस्तर के बासागुड़ा CRPF कैंप में तैनात संत कुमार का अपने उपनिरीक्षक विक्की शर्मा से ड्यूटी को लेकर विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि संत कुमार ने अपनी AK-47 राइफल से विक्की शर्मा, एएसआई राजीव सिंह और कांस्टेबल मेघ सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिससे तीनों की मौके पर मौत हो गई। इसके बाद उसने मनोरंजन कक्ष में छिपे कांस्टेबल शंकर राव को भी गोली मार दी, जिससे उनकी भी मृत्यु हो गई। इस हमले में एसआई गजानंद सिंह गंभीर रूप से घायल हुए, लेकिन भागकर अपनी जान बचाने में कामयाब रहे।

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ट्रायल कोर्ट ने सुनाई थी सात साल की सजा

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उत्तर प्रदेश के रहने वाले संत कुमार को घटना के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। ट्रायल कोर्ट ने उसे IPC की धारा 302 (हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत दोषी ठहराते हुए सात-सात साल की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ उसकी अपील को हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के फैसले में कोई कानूनी खामी नहीं है। यह फैसला उन मामलों में एक मिसाल बन सकता है, जहां तनाव को अपराध का बहाना बनाया जाता है।

FAQ

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने CRPF कांस्टेबल संत कुमार की अपील को क्यों खारिज कर दिया?
हाईकोर्ट ने संत कुमार की अपील यह कहते हुए खारिज कर दी कि ड्यूटी का तनाव किसी को हत्या जैसा क्रूर कदम उठाने का अधिकार नहीं देता। कोर्ट ने घायल चश्मदीद गवाह की गवाही को विश्वसनीय और विरोधाभास रहित मानते हुए ट्रायल कोर्ट के फैसले को सही ठहराया।
घटना कब और कहां हुई थी, और इसमें कितने लोगों की जान गई?
यह घटना 9 दिसंबर 2017 को बस्तर के बासागुड़ा स्थित CRPF कैंप में हुई थी। इस वारदात में संत कुमार ने अपनी AK-47 राइफल से चार सहकर्मियों की हत्या कर दी थी और एक एसआई गजानंद सिंह को घायल कर दिया था।
ट्रायल कोर्ट ने संत कुमार को किन धाराओं के तहत दोषी ठहराया था और कितनी सजा दी थी?
ट्रायल कोर्ट ने संत कुमार को IPC की धारा 302 (हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत दोषी ठहराया था और उसे सात-सात साल की सजा सुनाई थी।

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