छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने शिक्षिका के तबादले पर लगाई रोक, नए सिरे से होगी समीक्षा

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने स्कूलों में युक्तियुक्तकरण के तहत किए जा रहे शिक्षकों के तबादलों में एक फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति रविन्द्र अग्रवाल ने शिक्षिका सरोज सिंह के स्थानांतरण आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए नए सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

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Krishna Kumar Sikander
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Chhattisgarh High Court stayed the transfer of the teacher, the matter will be reviewed afresh the sootr
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छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने स्कूलों में युक्तियुक्तकरण के तहत किए जा रहे शिक्षकों के तबादलों के मामले में एक अहम फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति रविन्द्र अग्रवाल की एकलपीठ ने शिक्षिका सरोज सिंह के स्थानांतरण आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए विभाग को नए सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह फैसला न केवल शिक्षिका के लिए राहत भरा है, बल्कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर भी सवाल उठाता है।

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यह है मामला 

याचिकाकर्ता सरोज सिंह वर्ष 2018 से अपने वर्तमान स्कूल में कार्यरत हैं। उन्होंने न केवल अंग्रेजी विषय पढ़ाया, बल्कि स्कूल में भूगोल विषय के शिक्षक की अनुपस्थिति में इस विषय को भी पढ़ाने की जिम्मेदारी निभाई। इसके बावजूद, युक्तियुक्तकरण के नाम पर उनका तबादला 45 किलोमीटर दूर एक अन्य स्कूल में कर दिया गया। दूसरी ओर, हाल ही में हाई कोर्ट के आदेश से बहाल हुई एक अन्य व्याख्याता को उसी स्कूल में अंग्रेजी पढ़ाने के लिए नियुक्त किया गया। 

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याचिकाकर्ता का पक्ष

याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अनादी शर्मा ने कोर्ट में तर्क दिया कि सरोज सिंह की वरिष्ठता को नजरअंदाज कर एकतरफा तरीके से उनका तबादला किया गया। उन्होंने बताया कि यह तबादला न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करेगा, बल्कि शिक्षिका के पारिवारिक दायित्वों पर भी प्रतिकूल असर डालेगा। अधिवक्ता ने यह भी रेखांकित किया कि स्कूल में भूगोल विषय पढ़ाने की उनकी अतिरिक्त जिम्मेदारी को भी दरकिनार किया गया। 

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हाई कोर्ट का फैसला

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के तर्कों को विचारणीय मानते हुए न्यायमूर्ति रविन्द्र अग्रवाल ने स्थानांतरण आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। इसके साथ ही कोर्ट ने यह निर्देश भी दिया कि सरोज सिंह दो दिनों के भीतर विभाग के समक्ष नया अभ्यावेदन प्रस्तुत करें। विभाग को नियमानुसार इस अभ्यावेदन पर विचार कर निष्पक्ष और त्वरित निर्णय लेने का आदेश दिया गया है। 

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इसलिए यह फैसला है महत्वपूर्ण

हाई कोर्ट को यह आदेश युक्तियुक्तकरण के तहत किए जा रहे स्थानांतरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में भी अहम है। शिक्षकों के स्थानांतरण में वरिष्ठता, विषय विशेषज्ञता और व्यक्तिगत परिस्थितियों को ध्यान में रखने की आवश्यकता पर कोर्ट का यह रुख अन्य मामलों में भी मार्गदर्शक साबित हो सकता है। 

युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में सुधार की उम्मीद

शिक्षिका सरोज सिंह अब विभाग के समक्ष अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत करेंगी, और विभाग को नियमानुसार इस पर विचार करना होगा। इस बीच, हाई कोर्ट का यह फैसला शिक्षक समुदाय के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है, और इससे युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में सुधार की उम्मीद जगी है।

 

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