हाईकोर्ट की सख्ती पर मुख्य सचिव ने दिया एफिडेविट, आईजी-एसपी को बुलाकर दिया निर्देश

प्रदेश भर की सड़कों और हाईवे पर स्टंटबाजी के साथ ही बर्थ-डे सेलिब्रेशन व केक कटिंग को लेकर हाईकोर्ट सख्त हो गया है। कोर्ट ने इस तरह के मामलों को मानिटरिंग के लिए रखा है। मामले में हाईकोर्ट ने पुलिस से भी कहा कि कार्रवाई केवल दिखावे के लिए नहीं होनी चाहिए।

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VINAY VERMA
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Raipur. प्रदेश भर की सड़कों और हाईवे पर स्टंटबाजी के साथ ही बर्थ-डे सेलिब्रेशन व केक कटिंग को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट सख्त हो गया है। कोर्ट ने इस तरह के मामलों को मानिटरिंग के लिए रखा है। मामले में हाईकोर्ट ने पुलिस से भी कहा कि कार्रवाई केवल दिखावे के लिए नहीं होनी चाहिए। बल्कि, ऐसी होनी चाहिए जिससे ऐसे अपराधियों को सबक मिले। मामले में राज्य सरकार से कहा गया कि वह नियमों और प्रावधानों का सख्ती से पालन करें।

मुख्य सचिव ने दिया है एफिडेविट

मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव ने अपने शपथपत्र में बताया कि मंत्रालय में आईजी-एसपी कॉन्फ्रेंस रखी गई थी। इसमें सभी जिलों को कड़ाई बरतने कहा गया है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि जिन गाड़ियों को जब्त किया गया था उन्हें बांड भरवाते हुए और शर्तों के साथ छोड़ा जा सकता है। एक साल में इस तरह की कोई और घटना होने पर जब्ती के साथ ही पेनाल्टी लगानी होगी। 

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सड़क पर स्टंटबाजी और सेलिब्रेशन बना कारण

बता दें कि प्रदेश भर सड़क पर बर्थ-डे सेलिब्रेशन, स्टंटबाजी और केक कटिंग के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कोर्ट ने इन मामलों पर स्वतः संज्ञान लेकर राज्य शासन से जवाब मांगा था। हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद शासन की ओर से जवाब प्रस्तुत करते हुए कहा गया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अभियान चलाया और स्टंट में शामिल गाड़ियों को जब्त किया है। इसके साथ ही कार मालिकों के ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की सिफ़ारिश भी की गई। यह कार्रवाई सड़क सुरक्षा के नजरिए से की गई ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके। और दूसरे सबक ले सकें।

बाहुबलियों पर कार्रवाई जरुरी

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि पुलिस का प्रकोप अक्सर केवल गरीब, मध्यम वर्ग  पर पड़ता है। जबकि संपन्न और बाहुबलियों के खिलाफ पुलिस नख-दंतहीन बाघ बन जाती हैं। ऐसे लोग मामूली जुर्माना भरकर आसानी से छोड़ दिए जाते हैं और उनके वाहन भी वापस कर दिए जाते हैं। कोर्ट ने बिलासपुर में पुलिस द्वारा जब्त की गई 18 कारों को हाईकोर्ट की अनुमति के बिना नहीं छोड़ने कहा था। अब शासन की ओर से जवाब पेश करने के बाद इन गाड़ियों को बांड भरने के बाद छोड़ने के आदेश दिए गए हैं।ये खबर भी पढ़ें... 

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