यह कैसा कानून- बेबस पिता ने पूछा- बेटी चली गई और दोषी आधे घंटे में जमानत पर बाहर

हिट एंड रन केस की आरोपी शिखा पर 15 दिन पहले भी गलत कार चलाने के कारण जुर्माना लगाया गया था। वो राज्य प्रशासनिक अधिकारी तीर्थराज अग्रवाल की पत्नी हैं।

Advertisment
author-image
Deeksha Nandini Mehra
New Update
cg hit and run case
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

2 अगस्त को तेलीबांधा जीई रोड (Telibandha GE Road) पर 21 साल की श्रेष्ठा (Shrestha) को अपनी कार से टक्कर मारने वाली शिखा अग्रवाल (Shikha Agrawal) को आधे घंटे की कागजी कार्रवाई के बाद जमानत (Bail) पर छोड़ दिया गया। इस हादसे (Car Accident) में श्रेष्ठा की मौत हो गई थी। एसबीआई के एजीएम आभास सतपथी, जिन्होंने अपनी एकमात्र बेटी को खोया है, इस पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि यह कैसा कानून है? हमारी बेटी हमेशा के लिए चली गई और उसके कारण दोषी केवल आधे घंटे में घर पहुंच गई। बता दें कि आरोपी शिखा राज्य प्रशासनिक अधिकारी तीर्थराज अग्रवाल की पत्नी हैं।

ये खबर पढ़िए ... PSC Scam : छत्तीसगढ़ के रायपुर , बिलासपुर और दुर्ग में CBI ने एक साथ मारे छापे

आरोपी शिखा अग्रवाल पर 15 दिन पहले भी गलत कार चलाने के लिए जुर्माना लगाया गया था। शिखा राज्य प्रशासनिक अधिकारी तीर्थराज अग्रवाल की पत्नी हैं। आभास का परिवार हाल ही में ओडिशा से रायपुर शिफ्ट हुआ था।

आभास ने बताया कि उनकी बेटी दवा लेने के लिए घर से निकली थी और रोड के राइट साइड में चल रही थी लेकिन तेज रफ्तार में आई कार ने उसे टक्कर मार दी और आरोपी ने घायल को अस्पताल भी नहीं पहुंचाया।

क्या है नया कानून?

पुलिस ने बताया कि बीएनएस धारा 106 (BNS Section 106) के तहत जमानती धाराओं के चलते आरोपी को थाने से छोड़ दिया गया। पुराने कानून के तहत हिट एंड रन मामलों ( Hit and Run Cases ) में दोषी को सूचना देने, घायल को अस्पताल ले जाने, या मृत छोड़कर भाग जाने पर एक जैसी सजा मिलती थी, लेकिन नए कानून में हिट एंड रन का मामला तब नहीं बनता जब पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दी जाती है या घायल को अस्पताल पहुंचाया जाता है।

ये खबर पढ़िए ...छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक आज, कई महत्वपूर्ण फैसलों पर लगेगी मुहर

कौन है शिखा अग्रवाल 

शिखा अग्रवाल वन मंत्री केदार कश्यप (Forest Minister Kedar Kashyap) के ओएसडी (OSD - Officer on Special Duty) संयुक्त कलेक्टर तीर्थराज अग्रवाल की पत्नी हैं। हादसे के समय शिखा अग्रवाल खुद कार चला रही थीं और उनकी कार 20 जुलाई को भी कलेक्टोरेट चौक के पास रॉन्ग साइड में चल रही थी। 

ये खबर पढ़िए ... भूमाफिया गुरुचरण सिंह होरा के कब्जे से छुड़ाई 10 एकड़ जमीन , जानिए कहां कर रखा था अवैध कब्जा

पिता की पीड़ा और न्याय की मांग

आभास सतपथी ने कहा कि एक मां होते हुए भी शिखा को अपनी बेटी की पीड़ा समझनी चाहिए थी। उन्होंने पुलिस और कानून पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और दोषियों को कानून के तहत उचित सजा मिलनी चाहिए। आभास का सपना था कि श्रेष्ठा एक अच्छी डॉक्टर बने और मानव सेवा करे। अब उनकी बेटी की मौत से उनका सपना और जीवन की इच्छा भी खत्म हो गई है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

एसबीआई एजीएम आभास सतपथी (SBI AGM Abhas Satpathy) दोषी (Culprit), राज्य प्रशासनिक अधिकारी (State Administrative Officer),तीर्थराज अग्रवाल (Teerthraj Agrawal),ओडिशा (Odisha)रायपुर (Raipur), नया कानून (New Law), संयुक्त कलेक्टर (Joint Collector), कलेक्टोरेट चौक (Collectorate Chowk), सख्त कार्रवाई (Strict Action),न्याय (Justice)

Chhattisgarh News Hit and run case जमानत Car accident chhattisgarh samachar