Chhattisgarh-Jharkhand Liquor Scam: छत्तीसगढ़ और झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब घोटाले के मामले में मंगलवार को एक साथ छापेमारी की। रायपुर के अशोका रतन कॉलोनी में रहने वाले एक बार संचालक के घर पर जांच हुई, जबकि झारखंड में वरिष्ठ अधिकारियों और उनके करीबियों के ठिकानों पर भी छापे मारे गए। इस कार्रवाई से दोनों राज्यों के प्रशासनिक और कारोबारी जगत में हलचल मच गई है।
IAS अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी
झारखंड में ED ने उत्पाद विभाग के पूर्व सचिव IAS विनय कुमार चौबे और संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह से जुड़े ठिकानों पर छापा मारा। इनके करीबी रिश्तेदारों, सहयोगियों, और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के घरों और दफ्तरों पर भी जांच जारी है।
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रायपुर से रची गई घोटाले की साजिश
जांच में खुलासा हुआ है कि झारखंड में हुए शराब घोटाले की पूरी रणनीति रायपुर में बैठकर बनाई गई थी। छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग के अधिकारियों पर नीति में फेरबदल का आरोप है, जिससे शराब आपूर्ति में घोटाला संभव हुआ। हालांकि, अब तक इस मामले में आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
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कटोरा तालाब के पास बार संचालक पर भी शिकंजा
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कटोरा तालाब के पास स्थित एक बार के संचालक राठौर के ठिकाने पर भी ED ने छापा मारा। राठौर का नाम इस घोटाले में आया है, क्योंकि वह कथित रूप से घोटाले से जुड़े कई अधिकारियों से संपर्क में था।
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पहले से दर्ज है EOW की FIR
इस मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) पहले ही IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे और गजेंद्र सिंह के खिलाफ FIR दर्ज कर चुकी है। रांची के विकास कुमार नामक व्यक्ति ने इस घोटाले में शामिल अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की थी।