अरुण तिवारी@ RAIPUR. इन दिनों छत्तीसगढ़ की राजनीतिक फिजा कुछ बदली-बदली सी नजर आ रही है। जैसे जैसे लोकसभा चुनाव के परिणाम का समय नजदीक आ रहा है,मंत्रीजी एक्टिव मोड में आ गए हैं। वे अपनी पांच साल के हिसाब किताब का बही खाता जुटाने लगे हैं। वहीं एसीबी के एक्शन से कांग्रेस नेताओं के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी हैं। ये सियासत है साहब, बड़े धोखे हैं इस राह में, बाबूजी धीरे चलना और जरा संभालना। सिंहासन छत्तीसी
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बाबू समझो इशारे
विष्णुदेव सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री इन दिनों कुछ ज्यादा ही एक्टिव हैं। इस सक्रियता का सब लोग अपना-अपना मतलब निकाल रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में उनकी सक्रियता के बड़े चर्चे हैं। इन मंत्रीजी के विभाग में वो संस्थाएं आती हैं जिनको नोट छापने की मशीन कहा जा सकता है। एक दिन अचानक यहां पर मंत्रीजी ने आमद दे दी। एक भी अफसर को नहीं बुलाया और कुछ देर बैठकर चल दिए। एक पत्रकार ने कान में कुछ पूछा तो मंत्री बोले अभी कहां कुछ पता है। अपने कैबिन में बैठे रहे अफसर टेंशन में आ गए हैं। अफसर मंत्रीजी के इशारों को समझने की कोशिश में जुट गए हैं। क्या ये संकेत कुछ कहता है या फिर बहुत कुछ कह रहा है। अफसरों की खुशामद कुछ इसी तरह का इशारा कर रही है।
एसीबी को क्लू,कांग्रेस नेताओं को फ्लू
एसीबी इन दिनों फुल एक्शन में है। शराब घोटाला, कस्टम मिलिंग घोटाला और महादेव सट्टा एप घोटाले में एसीबी को बड़ा क्लू मिला है। खबर कुछ ऐसी है कि जांच एजेंसी को इन घोटाले के मामले में कुछ ऐसा क्लू मिला है जिससे कांग्रेस के बड़े नेताओं को फ्लू आ गया है। इस क्लू में कांग्रेस के बड़े नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। कुछ नेता और अफसर तो जेल के अंदर हैं, कुल और अंदर जा सकते हैं। अब ये नेता अपनी-अपनी जुगत लगा रहे हैं जिससे उन पर आया संकट टल जाए। लेकिन ऐसा दिखाई नहीं देता।
अफसरों पर नकेल,एकजुट बिगड़ैल
इन दिनों सरकार अफसरों पर नकेल कस रही है। सरकार को पता चला है कि कई आईएएस वक्त पर दफ्तर नहीं आते। बस फिर क्या था सरकार ने इसका एक नया रास्ता निकाल लिया है। सरकार मंत्रालय में बायोमैट्रिक मशीन लगवाने जा रही है जिसमें हर अधिकारी-कर्मचारी की आमद दर्ज होगी। इस खबर ने अफसरों को चिंता में डाल दिया है। उनको लगता है कि यदि ये मशीन लग गई तो उनके आने-जाने की जानकारी आरटीआई में आ जाएगी और उनकी पोल खुल जाएगी। अब इस मशीन लगने के खिलाफ अफसर एकजुट हो गए हैं। सब मिलकर इसकी जुगत भिड़ा रहे है कि किस तरह इस मशीन को लगने से रोका जाए।
उपरवाला सब देख रहा है
लोकसभा चुनाव के बाद मंत्रियों के बीच मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर बहुत चर्चा है। सारे मंत्री खुद को बेस्ट परफॉर्मर साबित करने में जुट गए हैं। सीएम भी अपनी चिरपरिचित मुस्कुराहट के साथ इशारों इशारों में अपनी टीम के सदस्यों को बहुत कुछ समझा रहे हैं। हंसी मजाक के माहौल में एक मंत्री दूसरे मंत्री से कह रहे थे कि सुधर जाओ, उपरवाला सब देख रहा है। दूसरे ने पूछा कि कौन उपरवाला, तो पहले बोले की अपने उपर तो एक ही है जो दिल्ली में बैठा है।