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Raipur. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में जांच एजेंसी EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए 6 और आरोपियों के खिलाफ विशेष ACB/EOW कोर्ट में 6वां पूरक चालान पेश किया है। यह कदम मामले को निष्पक्षता से आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति मानी जा रही है।
7 हजार पन्नों का चालान
EOW द्वारा कोर्ट में पेश किया गया यह पूरक चालान करीब 7 हजार पन्नों का है, जिसमें आरोपियों के खिलाफ कई महत्वपूर्ण सबूत और दस्तावेज शामिल किए गए हैं। जिन 6 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया गया है, उनमें शामिल हैं:
- निरंजन दास: पूर्व आबकारी आयुक्त (Rt. IAS)
- अतुल सिंह
- मुकेश मनचंदा
- नितेश पुरोहित
- यश पुरोहित
- दीपेंद्र चावड़ा
₹3200 करोड़ से अधिक के घोटाले का आरोप
इस पूरे मामले की शुरुआती जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई थी, जिसके बाद ED ने ACB में FIR दर्ज कराई। दर्ज FIR में यह आरोप लगाया गया है कि यह घोटाला ₹3,200 करोड़ से अधिक का हो सकता है। इस घोटाले में राजनेता, आबकारी विभाग के अधिकारी, कारोबारी सहित कई प्रभावशाली लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज है। ED की जांच में यह सामने आया था कि तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी ए.पी. त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के एक सुनियोजित सिंडिकेट के जरिए इस घोटाले को अंजाम दिया गया।
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क्या है पूरा शराब घोटाला?
यह घोटाला तत्कालीन कांग्रेस सरकार (2019 से 2023 तक) के दौरान शराब नीति में बदलाव करके किया गया था। शराब नीति को इस तरह बदला गया कि कुछ चहेती कंपनियों को ही लाइसेंस और काम मिल सके। इन कंपनियों ने नोएडा की एक कंपनी से नकली होलोग्राम और सील बनवाए। नकली होलोग्राम लगी शराब की महंगी बोतलें सरकारी दुकानों के माध्यम से बेची गईं। चूंकि होलोग्राम नकली था, इसलिए शराब की बिक्री की सही जानकारी शासन को नहीं मिल पाती थी। इससे बिना एक्साइज टैक्स दिए शराब की बिक्री होती रही।
इस पूरी प्रक्रिया से राज्य शासन को लगभग ₹2,165 करोड़ के टैक्स राजस्व का चूना लगाया गया। आरोप है कि इस अवैध कमाई का बड़ा हिस्सा नेताओं, अधिकारियों और मंत्रियों के बीच बांटा गया।
अब तक की प्रमुख गिरफ्तारियां
शराब घोटाला मामले में अब तक कई बड़े नाम गिरफ्तार किए जा चुके हैं:
- कवासी लखमा: पूर्व आबकारी मंत्री
- चैतन्य बघेल: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे
- अनिल टुटेजा: पूर्व आईएएस अधिकारी
- अनवर ढेबर: एजाज ढेबर के भाई और प्रमुख कारोबारी
इसके अलावा, आबकारी विभाग के 28 अधिकारी भी आरोपी बनाए गए थे, जिन्हें बाद में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। EOW का यह नया चालान मामले की जांच को और गति देगा।
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