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Chhattisgarh Logistics Policy 2025: छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के विकास को एक नई दिशा देने के लिए 'लॉजिस्टिक्स नीति 2025' को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस नीति को मंजूरी मिली है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में माल के परिवहन, भंडारण और निर्यात की व्यवस्था को बेहतर बनाना है।
इसके लिए सरकार निजी कंपनियों और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए 140 करोड़ रुपये तक की आर्थिक मदद और कई रियायतें देगी।
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क्या है लॉजिस्टिक्स नीति?
लॉजिस्टिक्स नीति का मतलब है राज्य में माल को एक जगह से दूसरी जगह लाने, स्टोर करने और निर्यात करने की प्रक्रिया को आसान और सस्ता बनाना। इस नीति के तहत सरकार उन कंपनियों को मदद देगी जो लॉजिस्टिक से जुड़े काम जैसे वेयरहाउस (गोदाम), कोल्ड स्टोरेज, ड्राइ पोर्ट, कंटेनर डिपो, एयर कार्गो टर्मिनल, फ्रेट स्टेशन आदि बनाना चाहती हैं।
रकार किस तरह की मदद देगी?
अधोसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) पर 40% तक अनुदान
लॉजिस्टिक हब, ड्राइ पोर्ट, कंटेनर डिपो जैसे प्रोजेक्ट पर लागत का 40% हिस्सा सरकार देगी, अधिकतम 140 करोड़ रुपये तक।
ट्रांसपोर्ट हब के लिए 35% तक सहायता
ट्रांसपोर्ट हब और फ्रेट स्टेशन बनाने पर लागत का 35% अनुदान, अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक मिलेगा।
बाहरी सुविधाओं पर 50% सहायता
सड़कों, पानी, बिजली जैसे बाहरी ढांचे पर 50% तक सरकार सहायता देगी।
वेयरहाउस और कोल्ड स्टोरेज पर विशेष मदद
लागत का 35 से 45% तक अनुदान
50 से 60% तक ब्याज पर सब्सिडी
बिजली बिल और स्टांप शुल्क में छूट
लॉजिस्टिक पार्क के लिए विशेष सहायता
प्रति एकड़ जमीन पर 25 लाख रुपये तक का अनुदान
बस्तर और सरगुजा जैसे पिछड़े क्षेत्रों में 10% अतिरिक्त प्रोत्साहन
ग्रीन लॉजिस्टिक्स (पर्यावरण हितैषी व्यवस्था) अपनाने पर 5% अतिरिक्त सहायता
बड़ी परियोजनाओं के लिए विशेष सुविधा
अगर कोई कंपनी 500 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश करती है या 1000 से ज्यादा लोगों को रोजगार देती है, तो उसे अतिरिक्त विशेष प्रोत्साहन मिलेगा।
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इस नीति से राज्य को क्या फायदा होगा?
कम होगी लॉजिस्टिक्स की लागत: माल लाने-ले जाने और भंडारण पर आने वाला खर्च घटेगा।
बढ़ेगा निवेश: निजी कंपनियां छत्तीसगढ़ में वेयरहाउस और टर्मिनल बनाने में रुचि दिखाएंगी।
नौकरी के नए अवसर: गोदाम, ट्रांसपोर्ट और भंडारण में काम करने के लिए हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।
किसानों और व्यापारियों को फायदा: किसान अपने उत्पादों को आसानी से देश और विदेश तक पहुंचा सकेंगे। व्यापारियों को भी माल भेजने और स्टोर करने में सुविधा मिलेगी।
निर्यात को मिलेगा बढ़ावा: छत्तीसगढ़ के उद्योगों और उत्पादों को विदेशों में भेजने की सुविधाएं बढ़ेंगी।
वनोपज और औषधीय पौधों के निर्यात का रास्ता खुलेगा: इससे जंगल आधारित उत्पादों को नई मार्केट मिलेगी और आदिवासी क्षेत्रों को फायदा होगा।
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क्यों है ये नीति खास?
अब तक छत्तीसगढ़ में लॉजिस्टिक्स से जुड़े कामों को सामान्य औद्योगिक नीति के तहत मदद मिलती थी। लेकिन अब राज्य सरकार ने स्वतंत्र लॉजिस्टिक्स नीति बना ली है, जो भारत सरकार के L-E-A-D-S सर्वे के अनुसार एक बड़ी पहल मानी जा रही है। इससे छत्तीसगढ़ उन राज्यों में शामिल हो गया है, जो लॉजिस्टिक्स सेक्टर को अलग से प्राथमिकता दे रहे हैं।
छत्तीसगढ़ लॉजिस्टिक्स नीति 2025 से न केवल व्यापार, कृषि और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य के हजारों युवाओं के लिए रोजगार, किसानों के लिए नई संभावनाएं, और निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर तैयार होंगे। यह नीति छत्तीसगढ़ को देश का प्रमुख लॉजिस्टिक्स हब बना सकती है।
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