RAIPUR. छत्तीसगढ़ के महादेव सट्टा ऐप केस ( Mahadev Satta App Case) में लगातार नए- नए खुलासे हो रहे है। अब EOW की रिमांड के दौरान बर्खास्त पुलिस आरक्षक अर्जुन यादव ( Dismissed Constable Arjun Yadav) को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। पूछताछ में पता चला है कि अर्जुन यादव महादेव ऐप के पैनल को ऑपरेट करता था उसने खुद ये स्वीकार किया है। वह 20 से ज्यादा पैनल ऑपरेट करता था। जिसमें से वर्तमान में 4 पैनल श्रीलंका और 1 पैनल कोलकाता में संचालन करता था। पूछताछ में जानकारी सामने आने के बाद रायपुर पुलिस की टीम कोलकाता में कार्रवाई कर रही है। कोलकाता के कई ठिकानों पर दबिश देने की भी सूचना है।
मोबाइल की जांच में खुले राज
महादेव सट्टा ऐप केस में ईओडब्ल्यू (Chhattisgarh EOW) ने अर्जुन यादव के मोबाइल फोन की जांच में ऐप से जुड़े बहुत से वाट्सएप ग्रुप भी मिले हैं। इन ग्रुप में कुछ आरटीजीएस अकाउंट और कुछ ग्रुप फेक अकाउंट से संबंधित पाए गए। ईओडब्ल्यू की टीम ने ग्रप और जानकारी के आधार पर 200 से ज्यादा ऐसे बैंक अकाउंट को आइडेंटीफाई करके लगभग 3 करोड़ रूपए की राशि को बैंक खातों में फ्रीज करवाया है। वही आरोपी से महादेव सट्टा एप के पैसे से खरीदी गई एक गाड़ी भी जब्त की गई है।
EOW की रिमांड में आरोपी अर्जुन
मामले में शुक्रवार को EOW की टीम ने बर्खास्त आरक्षक अर्जुन यादव को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया। EOW की टीम ने अर्जुन की 5 दिन की रिमांड मांगी थी। दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट में 14 मई तक यादव को पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। गौरतलब है कि लंबे समय से बर्खास्त आरक्षक अर्जुन सिंह यादव फरार चल रहा था। EOW की टीम ने छापे मार कार्रवाई करके उसे पचमढ़ी से गिरफ्तार किया था। अर्जुन यादव महादेव सट्टा ऐप केस में रायपुर जेल में बंद निलंबित आरक्षक भीम यादव का भाई है।