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Raipur. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में अपनी सरकार बनाने के लिए ट्रंप कार्ड खेला। यह शस्त्र मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में सत्ता पाने का अचूक रामबाण साबित हुआ। तीनों राज्यों में बीजेपी की सरकार बन गई। मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना, छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन और महाराष्ट्र में लाड़की बहन के नाम से महिलाओं को हर महीने सीधे उनके खाते में एक निश्चित राशि पहुंचाने की योजना शुरु की गई। छत्तीसगढ़ में अब महतारी का वंदन सरकार को भारी पड़ रहा है। अब तक सरकार महतारी वंदन में 14 हजार करोड़ का चंदन घिस चुकी है। इसका असर ये हुआ कि सरकार के दो साल में सवा 2 लाख से ज्यादा महिलाएं इस योजना से बाहर हो चुकी हैं।
महंगा पड़ा महतारी वंदन :
छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाली महिलाएं सरकार की खराब माली हालत पर भारी पड़ रही हैं। अब तक सरकार महतारी वंदन करने में 14 हजार 306.33 करोड़ का चंदन घिस चुकी है। इसका असर ये हुआ कि बीजेपी सरकार के दो साल में 2 लाख 30 हजार 692 महिलाएं महतारी वंदन योजना से बाहर हो चुकी हैं। छत्तीसगढ़ में तीन चुनावों यानी विधानसभा, लोकसभा और नगरीय निकाय चुनाव में सत्ता की चाबी बनी महतारी वंदन योजना को सरकार बंद भी नहीं कर सकती। यह ऐसी फ्रीबीज है जो सरकार के गले में अटक गई है। बंद करने पर विरोध और जारी रखने पर खराब माली हालत के बीच में यह योजना झूल रही है।
इस योजना के तहत करीब करीब 600 करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड हर महीने महिलाओं के खाते में पहुंचता है। हर महिला को सरकार एक हजार रुपए महीने दे रही है। यह योजना मध्यप्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी योजना की तर्ज पर चालू की गई। लाड़ली लक्ष्मी ने मध्यप्रदेश में तो महतारी वंदन ने छत्तीसगढ़ में बीजेपी को बंपर वोटर दिलवाए। नतीजा ये हुआ कि अब इस योजना को बंद करने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। यही कारण है कि सरकारी खजाने पर भारी पड़ रही इस योजना से हर महीने महिलाओं के नामों में कटौती जरुर होने लगी है।
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सवा दो लाख महिलाएं बाहर :
द सूत्र ने इस योजना की पड़ताल की। दिसंबर 2025 तक मिली राशि का पूरा लेखा जोखा निकाला। यह योजना मार्च 2024 से शुरु हुई। महतारी वंदन योजना के लिए 70 लाख 27 हजार 154 महिलाओं के आवेदन पत्र आए। इनमें से नियम शर्तों के आधार पर 70 लाख 09 हजार 366 महिलाओं को पात्र माना गया। दिसंबर 2025 की 22वीं किस्त में 67 लाख 78 हजार 674 पात्र हितग्राहियों के बैंक खातों में राशि डीबीटी के माध्यम से भेजी गई। इसमें 67,71,012 हितग्राहियों को 633.89 करोड़ रुपये और नियद नेल्ला नार क्षेत्र की 7,662 महिलाओं को 76.30 लाख रुपये उनके खातों में डाले गए। इस तरह महतारी वंदन योजना की 22वीं किस्त में कुल 634.65 करोड़ रुपये की राशि पात्र महिलाओं को भेजी गई। मार्च 2024 से दिसंबर 2025 के 22 महीनों में 2 लाख 30 हजार 692 महिलाएं महतारी वंदन योजना से बाहर हो गईं।
महिलाओं के नाम पर चला रहा जोड़ घटाना :
इस योजना में लगातार महिलाओं के नाम जोड़ने घटाने की उलझन भी चल रही है। यह किस तरह चल रही है यह हम आपको बताते हैं। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने जब 4 अक्टूबर 2025 को महतारी वंदन योजना की राशि महिलाओं के खाते में भेजी। 64 लाख 94 हजार 768 हितग्राही महिलाओं के खाते में महतारी वंदन योजना की 20वीं किस्त के रूप में 606 करोड़ 94 लाख रुपये की राशि पहुंची। यानी मार्च 2024 से अक्टूबर 2025 के बीच के बीस महीनों में 5 लाख 14 हजार 600 महिलाएं कम हो गईं। जब इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को राशि नहीं मिली तो सरकार का विरोध शुरु हो गया।
इसके बाद दिसंबर की जो किस्त मिली उससे पता चला कि 2 लाख 83 हजार 908 महिलाओं के नाम जोड़कर सरकार ने अपनी गलती सुधारने की कोशिश की। लेकिन दिसंबर में 2 लाख 30 हजार 692 महिलाएं इस योजना से बाहर कर दी गईं। महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े कहती हैं कि पात्र महिलाओं को छोड़ा नहीं जाएगा और अपात्र को जोड़ा नहीं जाएगा। जिनको पैसा नहीं मिला था उसमें तकनीकी खामी रही थी। इनमें कई महिलाओं की मौत हो चुकी है। कुछ के बैंक खाते से आधार लिंक न होने या बैंक खाता बंद होने के कारण यह राशि नहीं पहुंची है। खैर सरकार कारण जो भी बताए लेकिन महतारी वंदन योजना से महिलाओं के नाम तो कम हो ही रहे हैं।
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