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Raipur. छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना की 21वीं किस्त जारी होने के बाद अब राज्य सरकार ने योजना की ई-केवाईसी प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने सभी जिलों के अफसरों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि योजना से जुड़ी महिलाओं की पात्रता की डिजिटल जांच (e-KYC) की जाए, ताकि अपात्र और मृत लाभार्थियों के नाम हटाए जा सकें।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि 22वीं किस्त जारी होने से पहले सभी पात्र महिलाओं को आधार और बायोमेट्रिक के माध्यम से सत्यापन कराना अनिवार्य होगा, अन्यथा भुगतान रोक दिया जाएगा।
क्यों जरूरी हुआ ई-केवाईसी सत्यापन
विधानसभा में विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा था कि महतारी वंदन योजना में कई अपात्र महिलाओं को भी लाभ दिया जा रहा है। इसके साथ ही, हर माह लगभग 606 करोड़ रूपए की राशि जारी होने से वित्त विभाग ने भी इसकी पात्रता जांच को लेकर सख्ती दिखाई है। इसी के बाद सरकार ने ई-केवाईसी प्रक्रिया को लागू करने का निर्णय लिया।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक, “योजना को 21 महीने हो चुके हैं, अब सभी लाभार्थियों की पात्रता की जांच अनिवार्य है ताकि वास्तविक हितग्राही ही लाभ ले सकें।”
पहले चरण में 4.25 लाख महिलाओं का ई-केवाईसी शुरू
महिला एवं बाल विकास विभाग ने पहले चरण में 4.25 लाख महिलाओं की ई-केवाईसी कराने का लक्ष्य तय किया है। इस प्रक्रिया के तहत प्रत्येक महिला को आधार कार्ड जमा करना होगा, बायोमेट्रिक निशान (फिंगरप्रिंट) देना होगा, और बैंक खाता विवरण सही कराना होगा। जिन महिलाओं के नाम, आधार लिंक, IFSC कोड या बैंक अकाउंट में त्रुटि है, उन्हें भुगतान में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ई-केवाईसी न कराने पर रुकेगा लाभ
विभाग ने साफ कहा है कि जो महिलाएं ई-केवाईसी नहीं कराएंगी, उन्हें महतारी वंदन योजना की आगामी किस्त का भुगतान नहीं मिलेगा। इसलिए लाभार्थियों से अपील की गई है कि वे समय रहते आधार आधारित ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें।
महिलाओं की सुविधा के लिए तीन स्तरों पर सत्यापन केंद्र
महिलाओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए ई-केवाईसी की सुविधा तीन स्थानों पर उपलब्ध कराई गई है —
आंगनबाड़ी केंद्र:
- कार्यकर्ताओं को उनके क्षेत्र की लाभार्थी सूची दी गई है।
- महिलाएं वहीं पर जाकर ई-केवाईसी करवा सकती हैं।
बीएलई (ग्राम स्तरीय उद्यमी):
- गांवों में बीएलई को नाम और मोबाइल नंबर सहित जिम्मेदारी दी गई है।
- वे अपने स्तर पर महिलाओं का बायोमेट्रिक सत्यापन करेंगे।
जिला महिला एवं बाल विकास कार्यालय:
जिन महिलाओं को स्थानीय स्तर पर दिक्कत है, वे सीधे जिला कार्यालय जाकर ई-केवाईसी करवा सकती हैं।
विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश (Guidelines)
- ई-केवाईसी का कार्य गांवों में अटल डिजिटल सेवा केंद्रों और ग्राम पंचायत भवनों में किया जाएगा।
- शहरी क्षेत्रों में यह कार्य वार्ड कार्यालयों में होगा।
- यह प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क है, किसी भी हितग्राही से शुल्क नहीं लिया जाएगा।
- ई-केवाईसी का कार्य केवल सीएससी या बीएलई अधिकृत व्यक्तियों द्वारा ही किया जाएगा, अन्य किसी कंप्यूटर ऑपरेटर को अनुमति नहीं है।
- हर ई-केवाईसी शिविर में उपस्थित लाभार्थियों का रजिस्टर और हस्ताक्षर सूची तैयार की जाएगी।
69 लाख महिलाओं का राज्यव्यापी सत्यापन
राज्य सरकार के अनुसार, महतारी वंदन योजना के तहत कुल 69.26 लाख महिलाएं लाभ प्राप्त कर रही हैं। इनमें से सभी का आधार और बायोमेट्रिक सत्यापन अब किया जा रहा है ताकि योजना की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
21 किश्तें जारी, अब पात्रता जांच का समय
हाल ही में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने महतारी वंदन योजना की 21वीं किस्त जारी की थी। इस योजना के तहत हर पात्र महिला को प्रति माह ₹1000 की राशि दी जाती है। अब सरकार ने निर्णय लिया है कि 22वीं किस्त केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगी जिनका ई-केवाईसी पूरा हो चुका होगा।
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