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मंत्री के निर्देश पर तेज गाड़ी न चलाना उनके ड्राइवर को भारी पड़ गया। मंत्रीजी को यह बात इतनी नागवार गुजरी कि सर्द रात में न केवल मौके से ड्राइवर को गाड़ी से उतार दिया, बल्कि उसे सस्पेंड भी करवा दिया। मामला छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के दिल्ली दौरे से जुड़ा है। आइए जानते हैं पूरी कहानी क्या है…
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, छग की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े 19 दिसंबर को दिल्ली में थीं। उस दौरान उन्हें इनोवा गाड़ी के साथ ड्राइवर के रूप में प्रमोद खाखा अलॉट हुए। ड्राइवर प्रमोद दिनभर मंत्री को भाजपा कार्यालय, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर ले गए।
रात करीब 10 बजे डिनर करने के बाद मंत्री ने शॉपिग मॉल चलने का आदेश दिया। मंत्री जब साउथ एक्स स्थित मॉल पहुंची तो मॉल बंद हो चुका था। जिसके बाद मंत्री ने ड्राइवर को चिराग, दिल्ली चलने के लिए कहा। मॉल बंद हो जाने की आशंका में मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, ड्राइवर प्रमोद से गाड़ी की स्पीड बढ़ाने के लिए कहने लगीं।
मनोज ने बताया कि दिल्ली में 60-70 की रफ्तार तय है। इसके ऊपर गाड़ी नहीं जा सकती। अगर ऐसा किया तो समस्या हो सकती है। बस इसी जवाब से मंत्री नाराज हो गईं।
और ड्राइवर को उतार दिया बीच सड़क पर
ड्राइवर प्रमोद खाखा ने बताया कि मंत्री की नाराजगी के बाद उनसे दुर्व्यवहार और धक्का- मुक्की की गई। छग से गए मंत्री के पीए विकास सिन्हा ने उनसे चाबी छीन ली और पीएसओ शिशुपाल यादव ने उन्हें धक्का देकर सड़क पर उतार दिया। जिसके बाद पीए विकास सिंहा नियम विरुद्ध गाड़ी चलाकर मंत्री को चिराग दिल्ली मॉल ले गए।
हालांकि वहां भी मंत्री के हाथ निराशा ही लगी। अगली सुबह ही नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ भवन के आवासीय आयुक्त ने प्रमोद खाखा के नाम से निलंबन आदेश जारी कर दिया। प्रमोद को निलंबन से पहले नियमानुसार जवाब भी नहीं मांगा गया। आदेश में न तो मुख्यालय तय किया गया है और न ही जीवन निर्वहन भत्ता का जिक्र है।
संगठन के ये हैं सवाल..
छग भवन के तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष कन्हैया प्रसाद का कहना है कि शराब का आरोप लगाना आसान है, अगर ऐसा है तो प्रमोद का मेडिकल क्यों नहीं करवाया गया? मंत्री जल्दी में नहीं थीं तो भवन से दूसरी गाड़ी और ड्राइवर क्यों नहीं बुलाया गया? शासकीय गाड़ी को किस नियम के तहत मंत्री के पीए विकास सिंहा ने चलाया?
प्रमोद को सस्पेंड करने से पहले नोटिस देकर जवाब क्यों नहीं मांगा गया? शिशुपाल यादव ने किस नियम के तहत उनसे र्दुव्यहार किया? कन्हैया का कहना है कि संगठन की तरफ से वे इसकी शिकायत भी दिल्ली में पोस्टेड बटालियन से करने वाले हैं।
ड्राइवर ही जमा करते हैं चालान...
जानकारी के अनुसार छग भवन की तरफ से वाहन चालक को जो गाड़ी उस दिन के अलॉट होती है। उसकी जिम्मेदारी वाहन चालक की होती है। अगर नियमों का उल्लंघन करने पर चालान कटेगा तो उसकी भरपाई ड्राइवर को ही करनी होगी।
फर्राटेदार नहीं चला सकते गाड़ी
छत्तीसगढ़ में सड़क नियमों का उल्लंघन करने पर भी मंत्री की गाड़ी का चालान ही नहीं कटता। इसके अलावा उन्हें पुलिस की पायलट और फॉलो गाड़ी मिलती है। जो रास्ता क्लियर करवाते हुए चलती है। आरोप है कि मंत्री इसीलिए तय लिमिट से तेज गाड़ी चलाने के लिए कह रहीं थीं। जबकि दिल्ली में राज्य के मंत्रियों को यह सुविधा नहीं। नियम तोड़ने पर कार्रवाई का प्रावधान है।
घटनाक्रम ने तबीयत खराब कर दी
मामले में हमने ड्राइवर प्रमोद खाखा से बात की तो उन्होंने बताया कि सुबह से मंत्री के साथ था। दिनभर मंत्री को भाजपा कार्यालय, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निज निवास लाना ले जाना करता रहा।
इतने समय बाद मेरे शराब पीने की जानकारी लगी? मुझे रात 12.30 बजे सड़क पर उतार दिया गया। धक्का मुक्की की गई। मदद मिलने तक वे ठंड में ठिठुरते रहा, जिससे तबीयत खराब हो गई। तबीयत सही होते ही उच्च अधिकारियों को घटनाक्रम की जानकारी दूंगा।
मेरा नेचर तो जानते ही हैं..
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े मामले को राजनीतिक बता रहीं। उनका कहना है कि आप सभी मेरा नेचर तो जानते ही हैं। वाहन चालक प्रमोद के शराब पीने की जानकारी मुझे बहुत बाद में लगी। साथ मौजूद लोगों ने सदन के अधिकारियों को प्रमोद के शराब पीने की सूचना दी। मैं निलंबन करवाने वाली कौन होती हूँ? सामान्य घटना को राजनैतिक रंग देकर मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
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