मंत्री राजेश अग्रवाल की डिमांड फिर से ठुकराई, इस बार नहीं रहे शांत, तबादला करवा लिया बदला

छत्तीसगढ़ के मंत्री राजेश अग्रवाल एक बार फिर से अपनी पोस्टिंग मामले को लेकर चर्चा में है। लेकिन इस बार उनके पत्र का लहज़ा आदेश वाला था। हालांकि पहले की तरह इस बार भी नतीजा शीफर ही निकला।

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VINAY VERMA
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Raipur. छत्तीसगढ़ के मंत्री राजेश अग्रवाल एक बार फिर से अपनी पोस्टिंग मामले को लेकर चर्चा में है। लेकिन इस बार उनके पत्र का लहज़ा आदेश वाला था। हालांकि पहले की तरह इस बार भी नतीजा शीफर ही निकला।

अब चर्चा यह है कि मंत्री ने नाराज होकर अधिकारी का तबादला निर्वाचन शाखा में करवा दिया है। मामले पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने इसे असंवैधानिक कृत्य बताते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से कार्रवाई करने के लिए कहा है। 

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क्या है पूरा मामला

दरअसल पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल ने 19 लोगों के नियुक्ति के लिए सहकारिता विभाग के उपायुक्त को एक पत्र लिखा। जिसमें कहा गया कि इन 19 लोगों को अलग-अलग धान खरीदी केंद्रों के लिए बनी सहकारी समितियों में बतौर कम्प्यूटर ऑपरेटर और प्रबंधन के रुप में ज्वाइनिंग दी जाए।

इन सभी की ज्वाइनिंग सरगुजा संभाग में ही होनी थी। लेकिन सरगुजा संभाग के सहकारिता उपायुक्त शिल्पा अग्रवाल ने नियमों को हवाला देते हुए ज्वाइनिंग देने से इनकार कर दिया। अधिकारी के अनुसार ये ज्वाइनिंग उनके स्तर से नहंी की जा सकती थीं। 

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कुछ दिनों में अधिकारी का हुआ ट्रांसफर

हालांकि नियमों को हवाला देकर ज्वाइनिंग आदेश जारी नहीं करने के कुछ ही दिन बाद सहकारिता उपायुक्त शिल्पा अग्रवाल को ट्रांसफर करते हुए उस जगह से हटा दिया गया। शिल्पा अग्रवाल को अपर सचिव के रुप में निर्वाचन आयोग भेजा गया है।

 बताया जा रहा है कि यह ट्रांसफर मंत्री राजेश अग्रवाल के नाराजगी का नतीजा है।

मंत्री और ओएसडी मामला

साय कैबिनेट में शामिल हुए नए नवेले मंत्री का भर्तियों को लेकर चर्चा में आने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी वे अपने ओएसडी के रुप में 8वीं पास ड्राइवर तबरेज आलम को नियुक्त करवाना चाहते थे।

लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग ने शैक्षणिक योग्यता कम होने का हवाल देते हुए उनके अनुसंशा पत्र को मना कर दिया था। 

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सीतापुर विधायक का भी अनुशंसा पत्र

सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो ने भी सीतापुर विधानसभा क्षेत्र में कुंवर आजाद सिंह को धान खरीदीे केंद्र का प्रभारी बनाने के लिए अनुशंसा की थी। जबकि आजाद सिंह धान खरीदी केंद्र के पहले भी 2024-25 में प्रभारी रह चुके थे।

लेकिन इस दौरान किसानों के प्रति उनका व्यवहार ऐसा था कि किसानों ने चक्काजाम तक कर दिया था। रामकुमार टोप्पो  फिर से उनकी नियुक्ति चाह रहे थे।

मामला शून्य काल में भी उठा

यह मामला छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी उठा। नेता प्रतिपक्ष डा. चरण दास महंत ने इसे असंवैधानिक कृत्य बताते हुए मुख्यमंत्री से शिकायत बताते हुए मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की है।

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