/sootr/media/media_files/2025/01/06/d544S20fQIJ6sJaJu6pk.jpg)
Rama Builders : राजधानी की बीच बाजार की तीन करोड़ की जमीन तीन लोगों में उलझ कर रह गई है। इस जमीन का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। एक पार्टी वो है जिसकी जमीन है, दूसरी पार्टी के नाम पर सेल डीड बनी और तीसरी पार्टी ने दूसरी पार्टी से जमीन खरीदी। इस जमीन की सेल डीड का पैसा ही नहीं दिया गया।
यह जमीन इसलिए चर्चा में है क्योंकि तीसरी पार्टी रामा बिल्डर्स के राजेश अग्रवाल हैं। यह वही रामा बिल्डर्स हैं जिन्होंने कॉलेज बनाने की सरकारी जमीन को आवंटित करा लिया। जब यह मामला सु्प्रीम कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने संपत्ति के हस्तांतरण पर रोक लगा दी। अब जमीन मालिक ने राजेश अग्रवाल पर उसे धमकाने और जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है।
प्रशासनिक गलियारों में दो आईएएस के प्रेम के चर्चे, इनमें एक शादीशुदा
यह है पूरा मामला
नूर बेगम की रायपुर के मोवा में 0.704 हेक्टेयर जमीन है। इस जमीन को खरीदने का सौदा कांग्रेस नेता आसिफ मेमन ने परिचित नूर बेगम से साल 2018 में 3 करोड़ 9 लाख 76 हजार रुपए में तय किया। 26 जून 2018 को जमीन की रजिस्ट्री कराते समय आसिफ ने सौदे के मुताबिक तयशुदा रकम के सात चेक नूर बेगम को दिए।
बैंक में जमा करने पर सातों चेक एक-एक करके बाउंस होते गए। पीड़िता ने इसकी जानकारी देते हुए आसिफ से पूरे पैसे की मांग की तो उसने देने से साफ इन्कार कर दिया। परेशान होकर नूर बेगम न्यायालय में परिवाद पत्र दायर किया। इस बीच न्यायालय के आदेश पर ही सिविल लाइन थाना पुलिस ने आसिफ के खिलाफ धोखाधड़ी का केस तो दर्ज कर लिया। नूर बेगम ने कांग्रेस नेता से अपनी जान का खतरा बताते हुए पुलिस से लिखित शिकायत भी की है।
नक्सलियों ने किया प्रेशर IED ब्लास्ट, फोर्स ने 3 आतंकी मार गिराए
यहां से हुई रामा की इंट्री
नूर बेगम ने 14 जुलाई 2024 को कोर्ट में याचिका दाखिल की तो आसिफ ने चार दिन बाद 18 जुलाई 2024 को रामा बिल्डर के राजेश अग्रवाल को यह जमीन बेच दी। नूर बेगम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सं पत्ति को हस्तांतरित करने से रोकने का अंतरिम आदेश दे दिया। अब नूर बेगम ने आरोप लगाया है कि आसिफ और राजेश अग्रवाल उस जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। इनके 40_50 लोगों ने जबरन जमीन पर घुसकर बाउंड्री वॉल को तोड़ दिया। नूर बेगम की भतीजी आयशा ने इसकी शिकायत पुलिस और महिला आयोग से की।
पत्रकार मुकेश चंद्राकर के सिर पर 15 फ्रैक्चर, लीवर के 4 टुकड़े
नूर बेगम के मुताबिक 26 अगस्त को कुछ पुलिसकर्मी याचिकाकर्ताओं के घर में घुसे और उनसे मारपीट की। घर में रखे दो लाख रुपए ले गए और उन लोगों को जबरदस्ती थाने में ले जाकर मारपीट की। पुलिसकर्मियों ने सु्प्रीम कोर्ट से याचिका वापस लेने पर भी दबाव डाला। नूरी बेगम ने अदालत से मांग की है कि उनको पुलिस से सुरक्षा प्रदान की जाए और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। नूरी बेगम ने यह भी कहा कि आसिफ और राजेश अग्रवाल के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
छत्तीसगढ़ के विधायकों का रिपोर्ट कार्ड...दिग्गज MLA के 20 से भी कम सवाल
FAQ