/sootr/media/media_files/2025/09/14/chhattisgarh-ministry-election-voting-17-september-2025-09-14-18-48-04.jpg)
Photograph: (The Sootr)
RAIPUR. छग के प्रशासनिक मुख्यालय मंत्रालय महानदी भवन में अपना नेता चुनने 17 सितंबर को मंत्रालयीन कर्मचारी संघ का चुनाव होगा। अध्यक्ष पद के अलावा 6 अन्य पदों के लिए 778 वोटर अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव, कोषाध्यक्ष और दो सदस्यों के लिए भी वोटिंग होगी।
निर्वाचन अधिकारी भी नियुक्त
चुनाव कराने के लिए अवर सचिव राजकुमार चंचलानी को निर्वाचन अधिकारी और गोरेलाल भूआर्य को सहायक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। मतदान के दौरान परिचय पत्र साथ लाना होगा। संघ की 29 अगस्त को प्रबंधनकारिणी सभी की बैठक में यह फैसला हुआ है।
अध्यक्ष पद के चार प्रत्याशी
मंत्रालीयन कर्मचरी संघ के चुनाव में तीन पैनल है। केवल अध्यक्ष पद के चार उम्मीदवार हैं। जबकि बाकी निर्दलीय के रुप में चुनाव लड़ रहे हैं। अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों में संघ के मौजूदा अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत भी शामिल हैं। महेंद्र सिंह राजपूत संगवारी पैनल से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा चंद्रकांत पांडेय नव जागृति पैनल और हीरा चंद बघेल समधान पैनल से प्रत्याशी हैं। पैनल वाले इन पुरुष प्रत्याशियों को कांति सूर्यवंशी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनौती दे रही हैं। मंत्रालय चुनाव परिणाम
ये भी पढे़ं... छत्तीसगढ़ पुलिस का कारनामा, सात साल के मासूम को बनाया आरोपी, कोर्ट ने लगाई फटकार
4 पॉइंट्स में समझें पूरी खबर...मंत्रालयीन कर्मचारी संघ चुनावः 17 सितंबर को छत्तीसगढ़ के मंत्रालय में मंत्रालयीन कर्मचारी संघ का चुनाव होगा, जिसमें 778 वोटर्स विभिन्न पदों के लिए वोट देंगे। इन पदों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव, कोषाध्यक्ष और दो सदस्यों का चुनाव शामिल है। निर्वाचन अधिकारी नियुक्तिः चुनाव के संचालन के लिए राजकुमार चंचलानी को निर्वाचन अधिकारी और गोरेलाल भूआर्य को सहायक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया है। मतदान के दौरान परिचय पत्र लाना अनिवार्य होगा। अध्यक्ष पद के लिए चार उम्मीदवारः मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पद के लिए चार उम्मीदवार हैं, जिसमें मौजूदा अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत संगवारी पैनल से, चंद्रकांत पांडेय नव जागृति पैनल से, हीरा चंद बघेल समधान पैनल से और कांति सूर्यवंशी निर्दलीय उम्मीदवार हैं। चश्मा भत्ते की चर्चाः चुनावों में सबसे अधिक चर्चा चश्मा भत्ते की हो रही है। नव जागृति पैनल का कहना है कि मंत्रालय में ऑनलाइन कामकाज के दौरान कर्मचारियों को आंखों पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे चश्मा लगाने की आवश्यकता बढ़ गई है। पैनल इस भत्ते की मांग करेगा। |
ये भी पढे़ं... सिंहासन छत्तीसी : छत्तीसगढ़ के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में एक ही सवाल,आखिर कौन है पीयूष अग्रवाल
चश्मा भत्ता की सबसे अधिक चर्चा
प्रत्याशी वोटरों को रिझाने का कोई मौका गंवाना नहीं चाहते हैं। ऐसे में चुनावों में वादों और घोषणाओं की झड़ी लग गई है। कर्मचारियों के लिए कैशलेस इलाज, आवास, कर्मचारियों के कमी पूरी करवाने, वेतनवृद्धि, महंगाई भत्ता भी प्रमुख मुद्दा है। लेकिन इसमें सबसे ज्यादा चर्चा चश्मा भत्ता की हो रही है। यह वादा नव जागृति पैनल की तरफ से किया गया है। पैनल के प्रत्याशियों का कहना हे कि मंत्रालय का पूरा काम ई फाइल के जरिये हो रहा है।
ऑनलाइन कामकाज के लिए सरकार की तरफ से बेहद छोटे स्क्रीन वाले कप्यूटर दिए गए हैं। इन कप्यूटरों में काम करने के लिए आंख गड़ाना पड़ रहा है। ऐसे में कम आयु वालों पर भी चश्मा चढ़ने का खतरा बढ़ गया है। इसे देखते हुए सरकार से चश्मा भत्ता की मांग की जाएगी।
ये भी पढे़ं... बिहार के बाद अब छत्तीसगढ़ में एसआईआर: वोटर लिस्ट में सुधार के लिए तैयारियां शुरू, घर-घर पहुंचेंगे कर्मचारी