अब तिमाही-छमाही परीक्षा से बनेगा फाइनल स्कोर, 20 से 30 फीसदी नंबर रिजल्ट में जुड़ेंगे, बदला जा रहा एग्जाम पैटर्न

Raipur: छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा पर अब खास फोकस किया जा रहा है। सरकार ने अब बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर खास ध्यान दिया है। शिक्षा सुधारने के लिए कुछ नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं।

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Arun Tiwari
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Raipur: छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा पर अब खास फोकस किया जा रहा है। सरकार ने अब बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर खास ध्यान दिया है। शिक्षा सुधारने के लिए कुछ नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं। अब इस बात पर खास जोर दिया जा रहा है कि बच्चों का पढ़ाई पर ध्यान सिर्फ फायनल एग्जाम पर नहीं बल्कि साल भर रहे। इसके लिए मूल्यांकन प्रणाली में कुछ खास बदलाव किए जा रहे हैं।

इस नए बदलाव में अब तिमाही और छमाही परीक्षा के नंबर भी वार्षिक परीक्षा के रिजल्ट में जोड़े जाएंगे। यानी इन नंबरों से मिलकर ही फाइनल रिजल्ट तैयार किया जाएगा। इससे बच्चे सालभर पढ़ाई करेंगे और दूसरी परीक्षाओं को भी गंभीरता से लेंगे जिससे इनकी पढ़ाई लिखाई में सुधार आएगा।

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हर टेस्ट का असर रिज़ल्ट पर :  

छत्तीसगढ़ के स्कूलों में अब मूल्यांकन प्रणाली पूरी तरह बदलने जा रही है। शिक्षा विभाग ने फैसला लिया है कि अब विद्यार्थियों के वार्षिक परिणाम में तिमाही और छमाही परीक्षाओं के अंक भी शामिल किए जाएंगे। यानी अब छात्रों को सालभर की हर परीक्षा को गंभीरता से लेना होगा क्योंकि केवल वार्षिक परीक्षा पर ही नतीजे निर्भर नहीं रहेंगे। पहले केवल वार्षिक परीक्षा के आधार पर ही छात्रों का परिणाम तय होता था, लेकिन नई प्रणाली में त्रैमासिक और छमाही परीक्षाओं के प्रदर्शन का भी 20 से 30 फीसदी हिस्सा जोड़कर फाइनल मार्क्स बनाए जाएंगे। इसका उद्देश्य बच्चों को नियमित अध्ययन की ओर प्रेरित करना और सालभर उनकी प्रगति का आंकलन  करना है।

मूल्यांकन के दो फॉर्मूले :

छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग ने बच्चों के मूल्यांकन के दो फॉर्मूले बनाए हैं। पहला फॉर्मूला कक्षा एक लेकर चौथी और छटवीं सातवीं परीक्षा के लिए हैं। दूसरा फॉर्मूला कक्षा पांच, आठ, नौ और ग्यारह के लिए हैं। दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं हैं इसलिए इनमें कोई बदलाव नहीं है। कक्षा पहली, दूसरी, तीसरी, चौथी, छटवीं और सातवीं में तिमाही और छमाही परीक्षा के 20 फीसदी नंबर  वार्षिक परीक्षा के रिजल्ट में जोड़े जाएंगे। यानी 80 फीसदी नंबर फाइनल एग्जाम के होंगे और बीस फीसदी तिमाही और छमाही परीक्षा के। वहीं पांचवीं,आठवीं,नौंवी और ग्यारहवीं की वार्षिक परीक्षा में छमाही परीक्षा के तीस फीसदी नंबर जोड़े जाएंगे। इसमें तिमाही के नंबरों को नहीं जोड़ा जाएगा।

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एग्जाम फीवर से मिलेगी राहत : 

विभाग का मानना है कि यह बदलाव छात्रों को एग्जाम डे के तनाव से भी राहत देगा और शिक्षकों को बच्चों की नियमित प्रगति पर नजर रखने का अवसर मिलेगा।यह तरीका विद्यार्थियों में निरंतर अध्ययन की आदत विकसित करेगा और परीक्षा के समय आखिरी वक्त की हड़बड़ी कम करेगा। शिक्षा विभाग ने विशेष रूप से 5वीं, 8वीं, 9वीं और 11वीं कक्षाओं को इस नीति में शामिल किया है क्योंकि ये ‘ट्रांजिशन क्लासेज़’ हैं  यानी इन कक्षाओं के बाद छात्र अगले स्तर की पढ़ाई में प्रवेश करते हैं।

उदाहरण के लिए, 8वीं के बाद हाईस्कूल और 11वीं के बाद बोर्ड परीक्षा का चरण शुरू होता है। ऐसे में इन कक्षाओं में निरंतर मूल्यांकन की व्यवस्था से छात्रों की तैयारी मजबूत करने का लक्ष्य रखा गया है। शिक्षा विभाग की ओर से सभी स्कूलों को इस नई प्रणाली को अपनाने के लिए दिशा-निर्देश भेजे जा रहे हैं। स्कूलों को कहा गया है कि वे अपने शैक्षणिक कैलेंडर में त्रैमासिक और छमाही परीक्षाओं की तिथियां पहले से तय करें ताकि पूरे साल में मूल्यांकन प्रक्रिया सुव्यवस्थित ढंग से चल सके।

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सिर्फ औपचारिकता नहीं होगी यह प्रक्रिया :

इसके अलावा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब त्रैमासिक और छमाही परीक्षाओं को केवल औपचारिकता के रूप में नहीं लिया जाएगा। इन परीक्षाओं का रिकॉर्ड और अंक तालिकाएं स्कूल स्तर पर सुरक्षित रखनी होंगी, ताकि वार्षिक मूल्यांकन के समय उनका उपयोग किया जा सके। इस नई प्रणाली से जहां छात्रों पर सालभर लगातार पढ़ाई करने की जिम्मेदारी बढ़ेगी, वहीं शिक्षकों के लिए भी यह सुनिश्चित करना आवश्यक होगा कि हर छात्र के प्रदर्शन का सही आंकलन किया जाए।

शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रणाली बच्चों को "एक्जाम डे परफॉर्मेंस" की बजाय “कंटिन्युअस लर्निंग” की दिशा में ले जाएगी। इससे छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और पढ़ाई के प्रति निरंतर रुचि बनी रहेगी। कुल मिलाकर शिक्षा विभाग का यह कदम राज्य में मूल्यांकन प्रणाली को अधिक व्यवहारिक बनाएगा। अब छात्रों के लिए यह आवश्यक होगा कि वे हर परीक्षा को समान महत्व दें, क्योंकि हर टेस्ट, हर कॉपी और हर नंबर अब उनके सालभर की मेहनत का हिस्सा बनेगा।

मूल्यांकन शैक्षणिक कैलेंडर छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग
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