रायपुर. छत्तीसगढ़ में लाखों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। ठगी करने वाली महिला चपरासी ने अपने पति के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। घटना दंतेवाड़ा जिले की जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति की है। प्यून अपने पति और एक अन्य के साथ मिलकर 21 लाख 58 हजार 330 रुपए का गबन किया है।
ऐसे देती थी वारदात को अंजाम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार समिति के अकाउंटेंट महिला प्यून को बैंक में पैसे जमा करवाने देती थी। इसके बाद प्यून अपने पति को बैंक भेजती थी। पति फर्जी सील लगाकर पैसे अपने पास रख लेता था। वह बैंक की जमा पर्ची पत्नी को लौटा देता था।
पुलिस में शिकायत करने वाले नरेश मिंज का कहना है कि दंतेवाड़ा लाइवलीहुड कॉलेज में अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मार्यादित के तहत विभिन्न योजनाओं में हितग्राहियों को लोन दिया गया है। हितग्राहियों से EMI वसूली की जाती थी। समिति के अकाउंटेंट सुरेखा आयगर बैंक पर्ची भरकर एसबीआई में जमा करने के लिए कार्यालय में पदस्थ प्यून गौरी मंडावी को दिया करती थीं।
गौरी अपने पति को बैंक पर्ची देती थी। उसका पति तुलसी अपने एक अन्य दोस्त भूखन आर्या के साथ मिलकर पर्ची में फर्जी सील लगाता और जमा पर्ची पत्नी को लौटा देता था। इसके बाद उसकी पत्नी उस पर्ची को अकाउंटेंट को देकर कहती थी कि पैसे जमा हो गए हैं। पिछले कुछ महीने से ये लगातार चलता रहा था।
गबन के पैसों से बाइक और कार खरीदी
अकाउंटेंट सुरेखा ने जब SBI में पता लगवाया तो सामने आया कि न पैसे जमा हुए और न ही पर्ची में लगा सील बैंक का था। शिकायत मिलने पर पुलिस ने तीनों अरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गबन के पैसों से इन्होंने बाइक और कार खरीद ली थी। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है।
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