जॉब के नाम पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग, छत्तीसगढ़ में 16 लड़कियों को किया रेस्क्यू

छत्तीसगढ़ में रेस्क्यू की गई लड़कियों की उम्र 18 से 23 साल के बीच है। सभी को जॉब के लिए बेंगलुरु और तमिलनाडु ले जाया जा रहा था। पुलिस ने इसे ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जोड़ा है...

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Deeksha Nandini Mehra
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ह्यूमन ट्रैफिकिंग

जॉब के नाम पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग

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Operation Aahat 16 girls Rescued in Chhattisgarh : जॉब के नाम पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग ( Human trafficking ) की घटनाएं बढती जा रही हैं। इसी कड़ी में एक घटना छत्तीसगढ़ से सामने आई है। यहां 16 लड़कियों को आधी रात को राजनांदगांव स्टेशन से रेलवे पुलिस ने रेस्क्यू किया है। लड़कियों ने बताया कि उनको जॉब करने के लिए कुछ बेंगलुरु और कुछ को तमिलनाडु ले जाय जा रहा था। पुलिस ने सभी लड़कियों के परिजन को सूचित कर थाने बुलाया है। वहीं रेस्क्यू की गई सभी लड़कियों को राजनांदगांव सखी सेंटर में रखा गया है। फिलहाल मामले में पुलिस की तफ्तीश जारी है।

ट्रेन का कर रही थीं इंतजार 

अब तक मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में रेल सुरक्षा बल राजनांदगांव के अमले ने ऑपरेशन आहट के तहत 16 लड़कियों को स्थानीय सखी सेंटर के सुपुर्द किया है। पुलिस ने बताया कि सभी लड़कियां असहज स्थिति में स्टेशन पर बैठकर ट्रेन का इंतजार कर रही थीं।

लड़कियों से पूछताछ की तो आरपीएफ को संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई, जिसके बाद आरपीएफ ने उनके परिजनों से संपर्क कर उन्हें राजनांदगांव बुलाया। इसके बाद सभी लड़कियों को पुलिस ने सखी सेंटर भेज दिया। 

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प्लेटफॉर्म चेकिंग के दौरान हो रही थी असहज 

पुलिस ने बताया कि सभी लड़कियां 18 से 23 साल की है, वहीं सभी को जॉब दिलाने के नाम पर दूसरे राज्यों में ले जाया जा रहा था। जॉब के बारे में लड़कियों को किसी तरह की कोई जानकारी नहीं है। रेलवे स्टेशन पर ऑपरेशन आहट के तहत प्लेटफॉर्म चेकिंग के दौरान लड़कियों पर नजर गई इसके बाद उनसे पूछताछ की।

इस पर कुछ ने काम के लिए तमिलनाडु जाने तो कुछ ने बेंगलुरु जाने की बात कही। सभी लड़कियां अलग- अलग जवाब दे रहीं थीं। सभी कवर्धा जिले के अलग-अलग पंचायतों की रहने वाली हैं।

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 ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शक

संतोषनजक जवाब नहीं दे पाने पर आरपीएफ ने लड़कियों के परिजनों से संपर्क किया। साथ ही राजनांदगांव में पदस्थ महिला संरक्षण आयोग के अधिकारी चंद्रसेन लाडे को भी स्थिति से अवगत कराया गया। परिजनों ने रात्रि होने की वजह से अगले दिन राजनांदगांव आने को कहा।

परिजनों के आने के बाद लड़कियों के वेरीफिकेशन, मामले की जांच व पतासाजी की जाएगी। इस बीच उनके उचित देख- रेख और संरक्षण में सखी सेंटर राजनांदगांव को सुपुर्द किया गया। पुलिस को इस मामले में ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शक है। पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। 

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क्या है ऑपरेशन आहट 

रेलवे पुलिस आरपीएफ ने मानव तस्करी के खिलाफ “ऑपरेशन आहट” (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग) नामक अभियान शुरू किया। आरपीएफ ने देशभर में 750 एएचटीयू की स्थापना की है जो पुलिस थानों में कार्यरत एएचटीयू, जिला और राज्य स्तरों पर, खुफिया इकाइयों, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करेंगी।

इसके साथ ही रेलगाड़ियों के जरिये होने वाली मानव तस्करी के खिलाफ कारगर कार्रवाई करेगी। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो हर साल औसतन मानव तस्करी के लगभग 2,200 मामले दर्ज करता है।

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