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Photograph: (the sootr)
हाल ही में, छत्तीसगढ़ राज्य के पुलिस प्रमुख डीजीपी अरुण देव गौतम ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जो छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (CAF) के जवानों और अधिकारियों से संबंधित है। इस आदेश के तहत, CAF के जवानों को अब बिना पुलिस मुख्यालय (PHQ) की अनुमति के न तो व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (PSO) सुरक्षा में तैनात किया जाएगा और न ही किसी अन्य ड्यूटी पर भेजा जाएगा। यह आदेश राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को भेजा गया है। इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश भी दिए गए है।
आदेश का उद्देश्य नक्सल विरोधी अभियान तेज करना
डीजीपी का यह आदेश छत्तीसगढ़ राज्य के कानून-व्यवस्था और नक्सल विरोधी अभियान की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए है। आदेश के मुताबिक, CAF की कंपनियों का अधिकांश बल पुलिस मुख्यालय की अनुमति के बिना किसी अन्य ड्यूटी पर तैनात नहीं किया जाएगा, जिससे विभाग की कार्यक्षमता प्रभावित हो रही थी।
इसका मुख्य उद्देश्य नक्सल विरोधी अभियान के लिए सीएएफ के जवानों की पर्याप्त तैनाती सुनिश्चित करना और राज्य में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना है।
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आदेश की महत्वपूर्ण बातें (Key Highlights of the Order)
सीएएफ की तैनाती (Deployment of CAF)
इस आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों में कानून-व्यवस्था और नक्सल विरोधी अभियानों के लिए तैनात CAF कंपनियों के जवानों को बिना PHQ(Police Headquarters) की अनुमति के अन्यत्र किसी भी ड्यूटी पर तैनात नहीं किया जाएगा। इसका उद्देश्य राज्य की सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना और आवश्यक स्थानों पर सशस्त्र बलों की पर्याप्त संख्या को सुनिश्चित करना है।पीएसओ सुरक्षा की अनुमति (PSO Security Permission)
पीएसओ (Personal Security Officer) सुरक्षा की ड्यूटी पर तैनाती को भी अब PHQ की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकेगा। इस कदम से सुरक्षा बलों की प्राथमिकता और सही दिशा में तैनाती सुनिश्चित होगी, जिससे अधिकारियों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा में कोई कमी नहीं आएगी।सुरक्षा बलों की कमी (Shortage of Security Forces)
DGP ने यह भी उल्लेख किया कि पुलिस मुख्यालय की अनुमति के बिना अन्य जगहों पर तैनात किए गए CAF के जवानों की कमी से सुरक्षा बलों की कार्यक्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इसके मद्देनजर, यह आदेश जारी किया गया है ताकि जवानों का सही इस्तेमाल हो सके और सुरक्षा तंत्र में किसी प्रकार की कमी न हो।
छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम के ताजा आदेश को ऐसे समझें
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आदेश का असर (Impact of the Order)
कानून व्यवस्था की स्थिति सुधरेगी
यह आदेश कानून-व्यवस्था की स्थिति को बेहतर बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। जब तक CAF और PSO सुरक्षा के जवानों की तैनाती नियंत्रित नहीं की जाएगी, तब तक राज्य में नक्सल विरोधी अभियानों और अन्य सुरक्षा कार्यों के लिए जवानों की संख्या में कोई कमी नहीं आएगी। यह कदम छत्तीसगढ़ राज्य में सुरक्षा और शांति को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
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नक्सल विरोधी अभियान पर प्रभाव
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में, CAF के जवानों का सही तरीके से तैनात होना बेहद महत्वपूर्ण है। यदि जवानों को बगैर अनुमति के अन्य कार्यों में लगाया जाता है, तो नक्सल विरोधी अभियानों की सफलता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस आदेश से नक्सल विरोधी अभियानों को मजबूत करने में मदद मिलेगी, क्योंकि सीएएफ की तैनाती अब अधिक नियंत्रित और रणनीतिक रूप से की जाएगी।