/sootr/media/media_files/2025/09/19/dead-employe-transfar-2025-09-19-18-14-15.jpg)
Photograph: (the sootr)
छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग का एक आदेश बीते कुछ दिनों से चर्चाओं के केंद्र में बना हुआ है। विभाग द्वारा एक ऐसे सब इंजीनियर का तबादला कर दिया गया, जिसकी मौत हुए दो महीने से अधिक का समय बीत चुका है।
ट्रांसफर लिस्ट में नाम आने के बाद जहां मृत सब इंजीनियर का परिवार सकते में है, वहीं विभाग की कार्यप्रणाली पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं। गलती का अहसास होने पर विभाग के अधिकारियों ने भूल सुधार करते हुए अब नई तबादला सूची जारी की है, जिसमें सब इंजीनियर का नाम हटाया गया है।
तबादला आदेश में गलती
17 सितंबर 2025 को छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन और विकास विभाग द्वारा जारी किए गए अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादला आदेश में कुल 267 कर्मचारियों और अधिकारियों का नाम था। इस सूची में सहायक अधीक्षक से लेकर कार्यपालन अभियंता और प्रभारी कार्यपालन अभियंता तक के नाम थे। लेकिन इस सूची में सबसे बड़ी गलती यह हुई कि एक मृतक इंजीनियर का नाम भी इस सूची में था।
यह खबरें भी पढ़ें...
इस दिवंगत उप अभियंता का नाम सूची में
जिन्हें विभाग ने ट्रांसफर किया था, उनका नाम था योगानंद सोम, जो दो महीने पहले ही इस दुनिया से अलविदा हो चुके थे। उनके नाम का उल्लेख सूची में 18वें क्रमांक पर था और आदेश के अनुसार उनका तबादला दल्लीराजहरा नगर पालिका से नगर पंचायत तुमगांव कर दिया गया था। हालांकि, यह गलती अधिकारियों द्वारा सही समय पर पकड़ ली गई और नया आदेश जारी किया गया।
गलती का सुधार
जैसे ही विभाग को इस गलती का एहसास हुआ, तुरंत ही 18 सितंबर 2025 का नया आदेश जारी किया गया, जिसमें लिखा गया कि "सरल क्रमांक 18 में अंकित नाम को विलोपित किया जाता है।" इसके बाद विभाग ने तुरंत इस चूक को सुधार लिया, लेकिन इस घटना ने सोशल मीडिया पर तेजी से चर्चा का कारण बना दिया।
मृत अधिकारी के तबादले के मामले को ऐसे समझेंगड़बड़ी का खुलासा: छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन विभाग ने 18 सितंबर को जारी ट्रांसफर सूची में एक मृतक इंजीनियर का नाम शामिल कर दिया था। मृतक इंजीनियर: उप अभियंता योगानंद सोम का नाम ट्रांसफर सूची में था, जबकि उनकी मृत्यु दो महीने पहले हो चुकी थी। तबादला आदेश: मृतक इंजीनियर का तबादला दल्लीराजहरा नगर पालिका से नगर पंचायत तुमगांव किया गया था। गलती का सुधार: गलती का एहसास होते ही विभाग ने नया आदेश जारी किया और मृतक का नाम सूची से हटा दिया। सोशल मीडिया पर चर्चा: यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे। |
सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
नई सूची के जारी होते ही सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से फैल गई। लोग विभाग की कार्यप्रणाली और उसकी सतर्कता पर सवाल उठाने लगे। यह घटना यह दर्शाती है कि प्रशासन के कामकाज में इतनी बड़ी चूक कैसे हो सकती है। साथ ही, यह भी सवाल उठता है कि जब एक अधिकारी की मौत हो चुकी हो, तो उनका नाम ट्रांसफर सूची में कैसे शामिल हो सकता है।
यह खबरें भी पढ़ें...
सचिन पायलट की रैली में पैसे देकर भीड़ बुलाने का आरोप!,छत्तीसगढ़ भाजपा ने पोस्ट किया वीडियो
विभाग ने क्या कहा?
विभाग ने अपनी गलती मानते हुए नया आदेश जारी किया और इस चूक के लिए खेद व्यक्त किया। विभाग ने कहा कि यह केवल एक "टंकन त्रुटि" थी और इसके लिए विभाग पूरी तरह से जिम्मेदार है। नया आदेश जारी करते हुए यह साफ कर दिया गया कि मृतक इंजीनियर का नाम सूची से हटा दिया गया है।