मेडिकल छात्रों के लिए खुशखबरी! सिम्स बिलासपुर में 21 PG सीटें बढ़ीं, दो नए MD कोर्स भी शुरू

बिलासपुर सिम्स मेडिकल कॉलेज ने बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। संस्थान को 21 नई MD-MS सीटों की स्वीकृति मिली है, जिससे कुल सीटें 68 से बढ़कर 89 हो गईं। साथ ही फिजियोलॉजी और टीबी-चेस्ट विभाग में नए MD कोर्स शुरू करने की अनुमति मिल गई है।

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Harrison Masih
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Bilaspur. छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS), बिलासपुर ने इस वर्ष अपने शैक्षणिक विस्तार में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। संस्थान में एमडी (MD) और एमएस (MS) स्नातकोत्तर (PG) पाठ्यक्रमों की कुल 21 नई सीटें स्वीकृत की गई हैं, जिससे कुल सीटों की संख्या 68 से बढ़कर 89 हो गई है। इसके साथ ही, दो महत्वपूर्ण विभागों में नए एमडी पाठ्यक्रमों की शुरुआत को भी हरी झंडी मिल गई है।

नए MD कोर्स और सीटों में वृद्धि

सिम्स (CIMS Medical College Bilaspur) में इस वर्ष दो नए एमडी पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे, और एक महत्वपूर्ण विभाग में सीटों की क्षमता बढ़ाई गई है।

विभागकोर्सनई सीटेंटिप्पणी
फिजियोलॉजीMD4नया पाठ्यक्रम
टीबी एंड चेस्टMD4नया पाठ्यक्रम (विभाग को पुनः मान्यता)
मेडिसिनMD5 (8 से बढ़कर 13)सीटों की क्षमता में वृद्धि

यह वृद्धि प्रदेश के मेडिकल छात्रों को विशेषज्ञता हासिल करने के अधिक अवसर प्रदान करेगी और राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने में सहायक होगी।

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टीबी एंड चेस्ट विभाग को पुनः जीवनदान

सिम्स मेडिकल कॉलेज (CIMS Bilaspur) के लिए सबसे बड़ी सफलता टीबी एंड चेस्ट विभाग में एमडी पाठ्यक्रम को पुनः शुरू करने की दिशा में हुई प्रगति है। पूर्व में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने विभाग के प्रोफेसर-स्तरीय फैकल्टी के अभाव के कारण इसे अमान्य कर दिया था। यह अभाव विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. पुनीत भारद्वाज के निधन के कारण उत्पन्न हुआ था।

अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने इस विषय पर NMC से पुनर्विचार के लिए आवेदन किया। राज्य शासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए डॉ. प्रतीक कुमार को प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत कर नियुक्त किया। फैकल्टी मानक पूरे होते ही, शासन की ओर से अब इस विभाग के लिए अनिवार्यता प्रमाण पत्र (Essentiality Certificate) भी प्राप्त हो गया है।

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आगे की प्रक्रिया

सिम्स प्रशासन अब इन तीनों विभागों (फिजियोलॉजी, टीबी एंड चेस्ट, और मेडिसिन) के पाठ्यक्रम संबद्धता (Affiliation) के लिए आयुष-स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में आवेदन प्रस्तुत कर रहा है। विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त होते ही, अंतिम अनुमोदन के लिए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (NMC) को आवेदन भेजा जाएगा। अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने इसे सिम्स की शैक्षणिक गुणवत्ता और संसाधनों की बड़ी उपलब्धि बताया है।

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