/sootr/media/media_files/2025/09/10/cims-bilaspur-new-medical-machines-delay-cg-hc-the-sootr-2025-09-10-13-27-43.jpg)
छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS) में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए 15 करोड़ रूपए का बजट स्वीकृत होने के बावजूद अब तक नई मशीनों की आपूर्ति नहीं हो सकी है। मरीजों के इलाज और जांच के लिए यहां अभी भी पुरानी मशीनों का सहारा लिया जा रहा है। इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
ये खबर भी पढ़ें... सिम्स की अव्यवस्था पर हाई कोर्ट नाराज... डीन, कलेक्टर और सचिव से मांगा शपथ पत्र
क्या है मामला?
सिम्स प्रशासन ने चिकित्सा सेवाओं को बेहतर करने के लिए शासन को दो प्रस्ताव भेजे थे एक 10 करोड़ रूपए का और दूसरा 5 करोड़ रूपए का। सरकार से मंजूरी मिलने के चार महीने बाद भी एक भी नई मशीन नहीं आई। इस बीच एसईसीएल के CSR फंड और अन्य संसाधनों से 66 लाख रूपए की मशीनें खरीदी गईं, लेकिन ये संख्या मरीजों की जरूरत के मुकाबले बेहद कम है।
ये खबर भी पढ़ें... CIMS मेडिकल कॉलेज को NMC से मिली मान्यता, अब MBBS की 150 सीटों पर मिलेगा एडमिशन
अस्पताल पर बढ़ा दबाव
बिलासपुर सिम्स इस अंचल का एकमात्र सरकारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल है। यहां रोजाना हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं। पुरानी मशीनों से टेस्ट करवाने में ज्यादा समय लग रहा है और उनकी गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। डॉक्टरों का कहना है कि नई मशीनों से कम समय में ज्यादा जांच हो सकेगी और इलाज का स्तर भी बेहतर होगा।
ये खबर भी पढ़ें... MBBS डॉक्टर ने CIMS में सहेली के कमरे में लगाई फांसी,गोल्ड मेडलिस्ट थी
हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बोंडी गुरु की डिवीजन बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा- जब सरकार ने बजट स्वीकृत कर दिया है, तो मशीनें अब तक क्यों नहीं आईं? पुरानी मशीनों से मरीजों की जांच के नतीजे प्रभावित हो रहे हैं। सरकार मरीजों की सुविधा के लिए क्या योजना बना रही है? कोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है।
CIMS Bilaspur में नई मशीनों की देरी के 5 मुख्य बिंदु:
|
ये खबर भी पढ़ें... जन्म से पहले बीमारियों की पहचान, सिम्स में खुलेगा छत्तीसगढ़ का पहला जेनेटिक सेंटर
क्यों है यह मामला अहम?
सिम्स अस्पताल (CIMS Hospital) पूरे छत्तीसगढ़ के मरीजों के लिए एक बड़ा केंद्र है। बजट स्वीकृत होने के बावजूद मशीनों की आपूर्ति में देरी स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े कर रही है। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से अब उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही नई मशीनें सिम्स में पहुंचेंगी और मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।