सिटी बसें शहर के सड़कों पर नहीं छोड़ेगी धुंआ

छत्तीसगढ़ के शहर की सड़कों पर अब सरकारी बसों से डीजल का धुंआ न लोगों को परेशान करेगा और न वायु प्रदूषित करेगा। शहरों में सिटी बसों का परिचालन तो होगा, लेकिन लोग ई-बस से सफर करेंगे।

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Krishna Kumar Sikander
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छत्तीसगढ़ के शहर की सड़कों पर अब सरकारी बसों से डीजल का धुंआ न लोगों को परेशान करेगा और न वायु प्रदूषित करेगा। सरकार ने वायु प्रदूषण से मुक्ति की पहल अपने सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था से शुरू की। शहरों में सिटी बसों का परिचालन तो होगा, लेकिन लोग ई-बस से सफर करेंगे। प्रदेश के कई शहरों को जल्द ही ई-बस की सौगात मिलने वाली है। महत्वपूर्ण बात यह है कि एक ओर ई बस की सौगात मिल रहा है तो दूसरी ओर 275 सिटी बसें देखरेख के अभाव के चलते कबाड़ हो गई हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि अगर ई-बसों की देखभाल नहीं की गई तो सरकार की पर्यावरण संरक्षण के नाम पर खरीदी गई ई-बसों का भी वहीं हाल होगा। 

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240 ई-बस उतारने की तैयारी

नगरीय प्रशासन और विकास विभाग ने रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और दुर्ग-भिलाई की सड़कों पर 240 ई-बस उतारने की तैयारी में है। इसमें अकेले रायपुर में 100 बसें चलेगी। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत राज्य में ये ई-बसें संचालित की जाएंगी। शहरी आवागमन को बेहतर बनाने ई-बस सेवा के प्रभावी संचालन के लिए नगरीय प्रशासन विभाग और राज्य शहरी विकास अभिकरण (सुडा) के अधिकारियों के क्षमता विकास के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था। इसमें अधिकारियों को ई-बस सेवा के बेहतर संचालन के लिए तकनीकी जानकारियां दी गई।

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67 करोड़ 40 लाख रुपये मंजूर 

राज्य शहरी विकास अभिकरण (सुडा) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शशांक पाण्डेय ने प्रशिक्षण में कहा कि प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में कुल 240 ई-बसें मुहैया कराई जा रही हैं। इनमें रायपुर के लिए 100, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर के लिए 50-50 तथा कोरबा के लिए 40 ई-बसें शामिल हैं। चारों शहरों में बस डिपो, सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए कुल 67 करोड़ 40 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। रायपुर को 27 करोड़ 23 लाख, दुर्ग-भिलाई को 17 करोड़ 75 लाख, बिलासपुर को 11 करोड़ 45 लाख और कोरबा को 10 करोड़ 97 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

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हिचकोले खाती हुईं किसी तरह चल रही हैं बसें 

पहले लोगों के आवागमन को आसान बनाने लिए नगर निगम की ओर से सिटी बसों का संचालन किया जा रहा था, लेकिन अब उसकी संख्या कम हो गई है। निगम की सैकड़ों बस कबाड़ हो रही हैं। जर्जर सिटी बस सड़कों पर दौड़ तो रही है, लेकिन हांफ रही हैं। ये बसें हिचकोले खाती हुईं किसी तरह चल रही हैं। पहले रायपुर समेत प्रदेश के 9 जिलों में सिटी बस की सेवा शुरू कर 378 बस दी गई थी। आज प्रदेश में केवल 103 सिटी बसें ही सड़कों पर चल रही हैं। 275 सिटी बसें देखरेख के अभाव के चलते कबाड़ हो गई हैं। 

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