/sootr/media/media_files/2025/10/09/eow-new-report-2025-10-09-14-31-42.jpg)
Photograph: (the sootr)
RAIPUR.छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल लेवी घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की ताजा रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। बुधवार को EOW ने विशेष अदालत में पूरक आरोप पत्र पेश किया। इस आरोप पत्र में बताया गया कि कोल लेवी से जुड़े अवैध रुपयों का लेन-देन कांग्रेस पार्टी भवन में किया जाता था। बुधवार को EOW ने 1500 पन्नों का दूसरा पूरक आरोप पत्र पेश किया है, जिसमें यह चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
यह पूरा मामला छत्तीसगढ़ में पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान कोयले के अवैध परिवहन पर लेवी या कर वसूली से जुड़ा है। अनुमान है कि इस महाघोटाले की राशि लगभग 570 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। EOW की जांच में अब इस अवैध लेन-देन की परतें खुल रही हैं। इधर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस भवन का नाम घोटाले में आने पर राजनीति भी गर्मा गई है।
EOW की चार्जशीट में क्या है नया खुलासा
EOW ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि कैसे कांग्रेस भवन में अवैध कोल लेवी से जुड़े करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ। विशेष रूप से कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल के निजी सहायक देवेंद्र डडसेना और रायगढ़ कोल सिंडिकेट के सदस्य नवनीत तिवारी के नाम सामने आए हैं। डडसेना का नाम इस घोटाले में महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह मुख्य रूप से अवैध रूपयों का रिसीवर और वितरक था।
यह खबरें भी पढ़ें...
कोल लेवी घोटाला: ED ने राज्य सरकार को लिखा पत्र,10 सीनियर IAS-IPS अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की मांग
छत्तीसगढ़ कोल लेवी घोटाला: 100 करोड़ के स्कैम के मुख्य आरोपी डडसेना को ACB-EOW ने किया गिरफ्तार
EOW की रिपोर्ट में क्या कहा गया?
EOW की रिपोर्ट के अनुसार, देवेंद्र डडसेना कांग्रेस भवन में ‘भवन’ नामक खातों के जरिए करोड़ों रुपए की अवैध रकम का लेन-देन करता था। उसकी जिम्मेदारी अवैध रकम की रिसीविंग, कस्टडी और ट्रांसफर की थी। उसे घोटाले की मुख्य वित्तीय कड़ी बताया गया है।
इसके साथ ही, नवनीत तिवारी का नाम भी प्रमुख रूप से लिया गया है, जो रायगढ़ में सक्रिय था और कोल वसूली सिंडिकेट का सदस्य था। तिवारी व्यवसायियों और ट्रांसपोर्टरों से करोड़ों रुपए की वसूली करता था।
छत्तीसगढ़ के कोल लेवी घोटाले में नए खुलासे को ऐसे समझेंEOW का खुलासा: छत्तीसगढ़ के कोल लेवी घोटाले में EOW ने 1,500 पन्नों का पूरक आरोप पत्र पेश किया, जिसमें कांग्रेस भवन में अवैध लेन-देन होने का दावा किया गया। मुख्य आरोपित: कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल के निजी सहायक देवेंद्र डडसेना और रायगढ़ कोल सिंडिकेट के सदस्य नवनीत तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कांग्रेस भवन में लेन-देन: देवेंद्र डडसेना कांग्रेस भवन में ‘भवन’ नामक खातों के जरिए करोड़ों रुपये का अवैध लेन-देन करता था, और वह पूरे घोटाले की वित्तीय कड़ी था। कोल वसूली सिंडिकेट: नवनीत तिवारी कोल वसूली सिंडिकेट का सदस्य था और व्यवसायियों तथा ट्रांसपोर्टरों से अवैध वसूली करता था। पूर्व मुख्यमंत्री का संदिग्ध कनेक्शन: इस घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया और निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ पहले आरोप पत्र दाखिल किए गए थे। |
यह खबरें भी पढ़ें...
छत्तीसगढ़ कोल लेवी घोटाला की CBI की जांच शुरू, 570 करोड़ की अवैध वसूली की परतें खुलने की उम्मीद
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में सुप्रीम कोर्ट सख्त, ED-EOW को दिसंबर तक जांच पूरी करने का आदेश
EOW की पिछली कार्रवाई
यह कोल लेवी घोटाले की जांच का एक नया चरण है। इससे पहले भी EOW ने इस मामले में कई अहम गिरफ्तारियाँ और कार्रवाई की हैं।
पहला आरोप पत्र: EOW ने जुलाई 2024 में इस मामले में 15 आरोपितों के खिलाफ पहला आरोप पत्र दाखिल किया था।
प्रमुख नाम: पहले आरोप पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया और निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू जैसे प्रमुख नाम शामिल थे। इन दोनों अधिकारियों को इस सिंडिकेट का मुख्य आरोपी माना जाता है। इन पर सत्ता का गलत इस्तेमाल करके अवैध वसूली करने का आरोप है।