रायपुर सेंट्रल जेल में कांग्रेस नेता जीवन ठाकुर की मौत, परिजनों और आदिवासी समाज ने लगाया हत्या का आरोप

कांकेर कांग्रेस नेता जीवन ठाकुर की रायपुर जेल में संदिग्ध मौत। 30 घंटे बाद भी अंतिम संस्कार नहीं। परिजनों ने जेल प्रशासन पर हत्या और लापरवाही का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।

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Harrison Masih
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Kanker/Raipur. कांकेर जिले के सर्व आदिवासी समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष और कांग्रेस नेता जीवन ठाकुर की रायपुर सेंट्रल जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। ठाकुर को फर्जी वन पट्टा बनाने के आरोप में 12 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और 2 दिसंबर को बिना किसी पूर्व सूचना के उन्हें रायपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।

4 दिसंबर की सुबह अंबेडकर अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। नाराज परिजनों और आदिवासी समाज ने जेल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही, जानकारी छिपाने और हत्या का आरोप लगाते हुए 30 घंटे बाद भी अब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया है।

परिजनों का गंभीर आरोप और घटनाक्रम

जीवन ठाकुर चारामा ब्लॉक के कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे हैं। उनकी मौत से ग्राम मायना के आदिवासी समाज और परिजनों में गहरा आक्रोश है।

तारीखघटनाक्रम
12 अक्टूबरफर्जी वन पट्टा मामले में कांकेर पुलिस ने गिरफ्तार किया।
2 दिसंबरबिना सूचना के रायपुर सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किया गया।
4 दिसंबर (4:20 AM)तबीयत बिगड़ने पर डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा), रायपुर में भर्ती।
4 दिसंबर (7:45 AM)इलाज के दौरान मौत।
4 दिसंबर (लगभग 5:00 PM)परिजनों को वायरलेस संदेश से मौत की सूचना मिली।

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परिजनों के आरोप:

उन्हें कांकेर से रायपुर जेल शिफ्ट करने की कोई सूचना नहीं दी गई। परिजनों का कहना है कि उन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं थी, फिर भी लगातार तबीयत बिगड़ने पर समय पर इलाज क्यों नहीं किया गया। तबीयत बिगड़ने और अस्पताल में भर्ती कराए जाने की जानकारी भी परिवार से छिपाई गई।

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भूपेश बघेल आज मिलेंगे पीड़ित परिवार से

इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज (5 दिसंबर) ग्राम मायना पहुंचकर पीड़ित परिवार और आदिवासी समाज के लोगों से मुलाकात करेंगे। विधायक सावित्री मंडावी ने भी बिना सूचना के स्थानांतरण के आदेश और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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समाज ने थाने में सौंपा ज्ञापन, की ये मांगें

गोंडवाना समाज सामान्य समिति बस्तर संभाग के सुमेर सिंह नाग समेत अन्य आदिवासी प्रमुखों ने इस घटना को सामान्य मौत मानने से इनकार किया है। परिजनों ने चारामा थाने में ज्ञापन सौंपकर निम्नलिखित मांगें की हैं:

  • पूरी घटना की तत्काल मजिस्ट्रियल जांच कराई जाए।
  • जिम्मेदार जेल अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई हो।
  • पीड़ित परिवार को समुचित क्षतिपूर्ति (क्षतिपूर्ति) प्रदान की जाए।
  • मेडिकल रिकॉर्ड और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तुरंत उपलब्ध कराई जाए।
  • परिवार की उपस्थिति में ही पोस्टमॉर्टम कराया जाए और शव को गृह ग्राम सुरक्षित सौंपा जाए।

केस विवरण और आंदोलन की चेतावनी

जीवन ठाकुर पर फर्जी वन पट्टा बनाने के मामले में चारामा थाने में अपराध क्रमांक 123/2025 के तहत धारा 420, 467, 468, 34 IPC और धारा 340, 318 (4) BNS 2023 के तहत मामला दर्ज था।

आदिवासी प्रमुखों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 7 दिनों के भीतर गृह विभाग ने इस घटना की जांच के लिए विशेष समिति का गठन नहीं किया और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे और जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव करेंगे।

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