छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बड़ा बयान दिया है। साव ने कहा कि - कांग्रेस OBC आरक्षण खत्म करना चाहती थी। इसके लिए कांग्रेस बड़ी साजिश रच रही थी। दरअसल, अरुण साव प्रदेश के बीजेपी कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान किरण देव सिंह के साथ कानून की किताब लेकर पहुंचे थे। निकाय चुनाव में आरक्षण पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया। साव के मुताबिक कांग्रेस इस साजिश में थी कि छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण शून्य हो जाए, क्योंकि कांग्रेस आरक्षण विधेयक को पास होने नहीं देना चाहती थी। इसलिए सदन से वॉकआउट किया था।
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कांग्रेस समर्थन वाली झारखंड सरकार में भी यही हाल
कांग्रेस समर्थन वाली झारखंड सरकार में भी स्थिति ऐसी ही है। हमने आयोग बनाया। साव ने कहा, 33 में से छत्तीसगढ़ के 16 जिले अधिसूचित क्षेत्र में आते हैं। आबादी के मुताबिक, 4 जगह अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हुई। यह 16 सीट और 4 सीट 50% आरक्षण की सीमा को पार करते हैं, ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को ध्यान में रखते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण नहीं हुआ।
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अधिकतम 50% तक ओबीसी वर्ग को आरक्षण
साव के मुताबिक, आयोग ने अनुशंसा करते हुए रिपोर्ट में कहा कि, अधिकतम 50% तक ओबीसी वर्ग को आरक्षण दिया जा सकता है। जबकि पहले 25% तक की ही सीमा थी, हमने ओबीसी वर्ग के आरक्षण को बढ़ाया है। बाकी अन्य निकाय, नगर निगम, नगर पालिका सभी में ओबीसी वर्ग को नियमानुसार भागीदारी मिली है।
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पंचायत पदों पर ओबीसी वर्ग को आरक्षण नहीं
साव ने कहा, एक दिन पहले ही नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने जिला पंचायत पदों पर ओबीसी वर्ग को आरक्षण नहीं दिए जाने को लेकर कहा था कि अभी तो कम बवाल हो रहा है और बवाल होना चाहिए। ये ऐसे बयान देकर प्रदेश का माहौल खराब करना चाहते हैं। साव के मुताबिक कांग्रेस भ्रम, भ्रष्टाचार और भय के कॉन्सेप्ट में राजनीति करती है, मगर हम छत्तीसगढ़ को अशांत नहीं होने देंगे। हम उनकी साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे।
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