रायपुर (कृष्ण कुमार सिकंदर) : छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर मिल रही सफलता से कांग्रेसी भी खुश हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के बाद सुरेंद्र शर्मा ने भी बीजेपी की नक्सल नीति की प्रशंसा की है। हालांकि अब तक विपक्षी दल होने के नाते प्रदेश के बड़े कांग्रेस नेता बीजेपी की नक्सल नीति पर सवाल उठाते रहे हैं। हर नक्सली मुठभेड़ के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज नक्सलियों की आड़ में आदिवासियों के मारे जाने को आरोप लगाते रहे हैं। कमोवेश यही सुर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी रहा है।
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एक साल में 260 नक्सलियों को मार गिराया
प्रदेश में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्च 2026 तक नक्लमुक्त करने की डेडलाइन तय होने के बाद मार्च 2024 से मार्च 2025 तक सुरक्षा बलों ने अलग अलग मुठभेड़ 260 नक्सलियों को मार गिराया है। नक्सलियों के विरुद्ध ताबड़तोड़ कार्रवाई के कारण नक्सली बैकफुट पर हैं। पिछले दिनों नक्सलियों ने पर्चा जारी कर संघर्ष विराम और शांति वार्ता का प्रस्ताव भेजा था। यह अलग बात है कि नक्सलियों ने इसके साथ कुछ शर्तें भी जोड़ी थी। मगर, सरकार ने सशर्त वार्ता से इंकार कर दिया। केंद्रीय गृहमंत्री शाह पहले की स्पष्ट कर चुके हैं कि नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल हों या फिर मरने के लिए तैयार रहें। सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए काफी आकर्षक प्रस्ताव भी दिया है। 25 लाख के इनामी नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर एक हेक्टेयर भूमि देने की घोषणा कर रखा है। हाल में सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके है।
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कांग्रेस करती रही नक्सल नीति की आलोचना
प्रदेश कांग्रेस और उसके नेता विष्णुदेव साय सरकार की नक्सल नीति की आलोचना करते रहे हैं। साथ ही सरकार पर यह आरोप भी लगता रहा है कि उसके पास नक्सलियों से निपटने के लिए कोई ठोस नीति नहीं है। इतना ही जब भी सुरक्षा बलों के जवान नक्सलियों के विरुद्ध आपरेशन करते और नक्सलियों को मार गिराते थे तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज नक्सलियों की आड़ में आदिवासियों के मारे जाने को आरोप लगाते रहे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सुरक्षा बलों के जवानों की सराहना तो करते थे, लेकिन मुठभेड़ में मारे गए लोगों की पहचान पर सवाल उठाते हुए सलाह देने से नहीं चूकते थे कि मुठभेड़ यह ध्यान रखा जाए कि निर्दोष न मारे जाएं। हाल के दिनों में नक्सल मोर्चे पर मिल रही सफलता के बाद कुछ कांग्रेस नेताओं ने सरकार की सराहना करने को साहस किया है।
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सिंहदेव ने दी पहली सकारात्मक प्रतिक्रिया
नक्सल मोर्चे पर मिली सफलता पर कांग्रेस से पहली सकारात्मक प्रतिक्रिया पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव की आई। रामनवमी के अवसर पर उन्होंने कहा कि जैसे प्रभु श्रीराम ने रावण को समझाने के बाद भी जब बात नहीं बनी तो अंततः युद्ध का मार्ग अपनाया। वैसे ही आज की सरकार नक्सलियों के साथ कर रही है। सरकार ने नक्सलियों को मुख्यधारा से जुड़ने के कई अवसर दिए, शांति वार्ता का प्रयास किया। मगर, जब उन्होंने हथियार उठाए तो सरकार को भी हथियार का जवाब हथियार से देना पड़ा। यह कोई नई नीति नहीं है, बल्कि पुरातन काल से चली आ रही परंपरा है। राजतंत्र हमेशा शांति चाहता है, लेकिन जब शांति की बात नहीं मानी जाती तो ताकत का इस्तेमाल करना ही पड़ता है।
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सुरेंद्र शर्मा ने भी की नक्सल नीति की सराहना
पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के बाद कांग्रेस नेता सुरेंद्र शर्मा ने भी बीजेपी सरकार की नक्सल नीति की सराहना की। शर्मा ने कहा कि नक्सलवाद पर राजनीति नहीं होना चाहिए। सुरेंद्र शर्मा ने प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा को नक्सल ऑपरेशनों में सफलता के लिए बधाई दी। इसके बाद गृहमंत्री विजय शर्मा ने भी सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों से आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की है। साथ ही कांग्रेस नेताओं की नक्सली कार्रवाई की तारीफ को लेकर कहा कि टीएस सिंहदेव और सुरेन्द्र शर्मा को सुना। दोनों कांग्रेस नेताओं ने स्पष्टता से अपनी बात रखी है। नक्सल मुद्दे पर सबको साथ होना चाहिए और जवानों के शौर्य पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए।
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