पुलिस वालों ने ही ली ऑनलाइन रिश्वत,सिपाही भर्ती फर्जीवाड़े में पकड़ गए

Constable recruitment fraud Rajnandgaon : छत्तीसगढ़ में पुलिस भर्ती फर्जीवाड़े में एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है। जांच में पता चला है कि पुलिस भर्ती परीक्षा में जांच के हर स्तर पर पैसों का लेन-देन हुआ था।

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Marut raj
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Constable recruitment fraud Rajnandgaon : छत्तीसगढ़ में पुलिस भर्ती फर्जीवाड़े में बड़ा अपडेट आ रहा है। बताया जा रहा है कि एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है। SIT फाइनल रिपोर्ट 15 जनवरी को सौंप देगी।। जांच में पता चला है कि पुलिस भर्ती परीक्षा में जांच के हर स्तर पर पैसों का लेन-देन हुआ था। इससे जुड़े पुलिसकर्मियों को मोबाइल फोन से अहम सबूत मिले हैं। रिश्वत का पैसा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से दिया गया।

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आरक्षकों ने QR कोड से पैसे लिए

उल्लेखनीय है कि राजनांदगांव जिले में कॉन्स्टेबल भर्ती घोटाले में 3 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी 10 से ज्यादा पुलिसकर्मी और टाइमिंग टेक्नोलॉजी कंपनी हैदराबाद के कर्मचारी पुलिस जांच के जद में है। जांच में पता चला है कि ड्यूटी में मौजूद कॉन्स्टेबल ने अभ्यर्थियों से हर स्टेप में अच्छे नंबर से पास कराने का सौदा किया था। अभ्यर्थियों को नंबर मिलने के बाद पैसे का भुगतान करना था।

अभ्यर्थियों ने सिंडिकेट में शामिल कॉन्स्टेबलों को हर परीक्षा के बाद लगभग 15 से 20 हजार रुपए का ऑनलाइन भुगतान किया। एसआईटी ने आरोपियों और अभ्यर्थियों के मोबाइल से ट्रांजेक्शन की स्क्रीन बरामद कर ली है। फोन भी जब्त कर लिया है।

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ऐसे हुआ था फर्जीवाड़े का खुलासा

राजनांदगांव जिले में 16 नवंबर से कॉन्स्टेबल भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। महिला आरक्षक ने 14 दिसंबर को महिला अभ्यर्थी के नंबरों में गड़बड़ी पकड़ी। महिला आरक्षक ने ड्यूटी के दौरान पाया कि शॉट पुट इवेंट ( गोला फेंक) में उम्मीदवार मीना पात्रे को पहले 11 अंक मिले थे, लेकिन फाइनल लिस्ट में उसके नाम के आगे 20 अंक लिखे हुए थे।

जांच के दौरान मीना पात्रे के अलावा नुतेश्वरी ध्रुर्वे और नेहा चंद्रवंशी के नंबरों में भी गड़बड़ी मिली। अफसरों को इस बात का पता चला, तो 17 दिसंबर को राजनांदगांव के लालबाग थाने में एफआईआर दर्ज की गई। अफसरों ने ड्यूटी में लगे आरक्षकों, टेक्नीशियन की जांच की तो 7 आरक्षक और चार टेक्नीशियन का काम संदिग्ध मिला।

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आरक्षक की खुदकुशी के बाद मामले ने तूल पकड़ा

आरक्षक अनिल रत्नाकर ने हथेली में सुसाइड नोट लिखकर 21 दिसंबर को आत्महत्या कर ली। उसने लिखा कि अधिकारियों को बचाया जा रहा है। आरक्षक रत्नाकर के आत्महत्या करते ही 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया। मामले में अब तक आरक्षक, अभ्यर्थियों समेत 14 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

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FAQ

छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती घोटाले का खुलासा कैसे हुआ ?
यह घोटाला 14 दिसंबर को हुआ, जब महिला आरक्षक ने शॉट पुट इवेंट में एक महिला अभ्यर्थी के नंबरों में गड़बड़ी पाई। इसके बाद जांच में और भी अभ्यर्थियों के नंबरों में गड़बड़ी मिली, और 17 दिसंबर को एफआईआर दर्ज की गई।
इस घोटाले में किस प्रकार के सबूत मिले हैं ?
एसआईटी ने आरोपियों और अभ्यर्थियों के मोबाइल से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की स्क्रीनशॉट्स बरामद की हैं, जो यह साबित करती हैं कि रिश्वत का लेन-देन हुआ था। आरोपियों के फोन भी जब्त किए गए हैं।
इस घोटाले में अब तक कितनी गिरफ्तारियां हो चुकी हैं ?
अब तक इस घोटाले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें आरक्षक, अभ्यर्थी और टेक्नीशियन शामिल हैं।

 

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