Contractor firm PRA Group caught tax evasion of Rs 37 crore raipur : छत्तीसगढ़ की कान्ट्रेक्टर फर्म पीआरए ग्रुप में की गई आयकर सर्वे की कार्रवाई में करीब 37 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी पकड़ी गई है। रायपुर का पीआरए ग्रुप रोड कंस्ट्रक्शन, सिविल कंस्ट्रक्शन, ब्रिज के साथ ही रेलवे के लिए भी काम करता है। ग्रुप के प्रोजेक्ट्स छत्तीसगढ़ के साथ ही झारखंड तथा राजस्थान में भी चल रहे हैं।
मुख्य आयकर आयुक्त कार्यालय की टीम ने गुरुवार दोपहर रिंग रोड स्थित पीआरए ग्रुप के मुख्य दफ्तर में छापामार कार्रवाई की थी। यह कार्रवाई शुक्रवार देर रात पूरी हुई है। छापे के दौरान मिले दस्तावेज और इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस की प्रारंभिक जांच में कई खुलासे हुए हैं। इसमें पता चला है कि बोगस खर्चे दिखा कर प्रॉफिट कम दर्शाया गया है।
दो दिनों की जांच में मिले दस्तावेज के साथ ही टीम ने हार्डडिस्क, मोबाइल, लैपटॉप का बैकअप लिया है। टीम ने छापे के दौरान मिले दस्तावेज के आधार पर संचालकों का बयान भी दर्ज किया है। दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का मिलान कर अब सर्वे रिपोर्ट तैयार की जाएगी। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार फर्म के संचालकों ने एडवांस टैक्स जमा करने की सहमति दी है।
आयकर विभाग ने पीआरए ग्रुप के खिलाफ क्या कार्रवाई की?
आयकर विभाग ने रायपुर स्थित कान्ट्रेक्टर फर्म पीआरए ग्रुप के मुख्य दफ्तर पर छापा मारा, जिसमें करीब 37 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी पकड़ी गई। इस कार्रवाई के दौरान दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए।
टैक्स चोरी किस तरीके से की गई थी?
प्रारंभिक जांच में पता चला कि पीआरए ग्रुप ने बोगस खर्चे दिखाकर अपने प्रॉफिट को कम दर्शाया था, जिससे टैक्स चोरी की जा सके।
छापे के बाद पीआरए ग्रुप ने क्या कदम उठाए?
आयकर सर्वे के दौरान मिले दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक डेटा की जांच के बाद फर्म के संचालकों ने एडवांस टैक्स जमा करने की सहमति दे दी है।