जवान को बचाने IED पर कूद गया अफसर, जान बचाने एयर लिफ्ट कर ले गए दिल्ली
छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर केजीएच हिल्स में चल रहे सबसे जोखिम भरे नक्सल विरोधी अभियानों में से एक के दौरान सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट सागर बोराडे गंभीर रूप से घायल हो गए।
छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर केजीएच हिल्स में चल रहे सबसे जोखिम भरे नक्सल विरोधी अभियानों में से एक के दौरान सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट सागर बोराडे गंभीर रूप से घायल हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें सोमवार को एयरलिफ्ट करके दिल्ली एम्स ले जाया गया और अब उनकी हालत स्थिर है।
इस ऑपरेशन का नेतृत्व सीआरपीएफ की एलीट 204 कोबरा बटालियन ने किया, जिसमें एक जवान आईईडी ब्लास्ट में घायल हो गया। टीम का नेतृत्व कर रहे सहायक कमांडेंट बोराडे ने अपनी जान की परवाह किए बिना घायल जवान को निकालने के लिए कदम बढ़ाया। माना जाता है कि केजीएच हिल्स कई मोस्ट वांटेड नक्सल नेताओं का ठिकाना है और यह इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ है और यहां भारी मात्रा में घातक आईईडी मौजूद हैं। सीआरपीएफ ने आगे बताया।
सीआरपीएफ अधिकारी ने बताया की, 4 मई को छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर KGH हिल्स में चल रहे सबसे जोखिम भरे नक्सल विरोधी अभियानों में से एक के दौरान, सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट सागर बोराडे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें कल दिल्ली एम्स में एयरलिफ्ट किया गया और अब उनकी हालत स्थिर है।
सीआरपीएफ की कुलीन 204 कोबरा बटालियन के नेतृत्व में किए गए इस ऑपरेशन में एक जवान IED विस्फोट में घायल हो गया। सहायक कमांडेंट बोराडे, जो टीम का नेतृत्व कर रहे थे, अपनी जान की परवाह किए बिना घायल जवान को निकालने के लिए आगे आए। माना जाता है कि KGH हिल्स कई मोस्ट वांटेड नक्सल नेताओं का ठिकाना है और यह इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ है और यहां भारी मात्रा में घातक IEDs लदे हुए हैं।
सहायक कमांडेंट सागर बोराडे किस अभियान के दौरान घायल हुए और उन्हें कहाँ भर्ती किया गया है?
सहायक कमांडेंट सागर बोराडे छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित केजीएच हिल्स में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान के दौरान घायल हुए। उन्हें दिल्ली एम्स (AIIMS) में एयरलिफ्ट कर भर्ती कराया गया है और अब उनकी हालत स्थिर है।
ऑपरेशन का नेतृत्व किस बटालियन ने किया और क्या हुआ था घटनास्थल पर?
इस ऑपरेशन का नेतृत्व सीआरपीएफ की एलीट 204 कोबरा बटालियन ने किया। अभियान के दौरान एक जवान IED विस्फोट में घायल हो गया, और सहायक कमांडेंट बोराडे ने अपनी जान की परवाह किए बिना घायल जवान को बचाने का साहसिक कदम उठाया।
केजीएच हिल्स को नक्सलियों के लिहाज से क्यों खतरनाक माना जाता है?
केजीएच हिल्स को खतरनाक इसलिए माना जाता है क्योंकि यह कई मोस्ट वांटेड नक्सल नेताओं का ठिकाना है। यह इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ है और यहाँ भारी मात्रा में घातक IEDs (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज़) बिछाए गए हैं।