दंतेवाड़ा में नक्सली हमला, IED ब्लास्ट में जवान घायल, एरिया डोमिनेशन पर थी CRPF टीम

दंतेवाड़ा में CRPF के 2 जवान प्रेशर IED के ब्लास्ट में घायल हो गए। एरिया डोमिनेशन के दौरान यह घटना मालेवाही थाना क्षेत्र में हुई। घायल जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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Sanjay Dhiman
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IED blust in dantewada

Photograph: (the sootr)

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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सशस्त्र बलों द्वारा लगातार की जा रही प्रभावी कार्रवाई से नक्सली परेशान हैं। इनकी मूवमेंट कम तो हुई है, लेकिन अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। ताजा मामले में नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में सर्चिंग के दौरान हुए प्रेशर आईईडी ब्लास्ट में दो CRPF जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।

घायलों को तत्काल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। घटना के बाद CRPF ने पूरे क्षेत्र की सर्चिंग शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि CRPF (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) की टुकड़ी एरिया डोमिनेशन के लिए निकली थी, तभी यह हादसा हो गया।

प्रेशर IED का धमाका

हर दिन की तरह, CRPF के जवान अपनी एरिया डोमिनेशन की ड्यूटी पर थे, जो नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्यवाही का महत्वपूर्ण हिस्सा है। जैसे ही जवानों का पैर प्रेशर IED पर पड़ा, एक जोरदार धमाका हुआ, और दो जवान घायल हो गए।

धमाका इतना जोरदार था कि उसके प्रभाव से आसपास के कई इलाकों में भी हलचल मच गई। घायल जवानों का नाम इंस्पेक्टर दीवान सिंह गुर्जर और आरक्षक आलम मुनेश है, जो दोनों CRPF की 195वीं बटालियन में पोस्टेड हैं। 

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घायल जवानों का उपचार जारी

घायल जवानों को तुरंत मौके से निकालकर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उनका इलाज जारी है। SP (सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) गौरव राय ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों जवानों का उपचार सही तरीके से किया जा रहा है और उनकी स्थिति स्थिर है। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना के बाद सुरक्षा बल इलाके की छानबीन कर रहे है। नक्सलियों के खिलाफ अभियान लगातार जारी है। 

एरिया डोमिनेशन पर थी सीआरपीएफ टीम

बताया जा रहा है कि हर रोज की तरह गुरुवार को भी सीआरपीएफ जवानों की टुकड़ी दंतेवाड़ा के इस हिस्से में नक्सल गतिविधियों पर नजर रखने निकली थी। एरिया डोमिनेशन के दौरान जवान नक्सल मूवमेंट वाले क्षेत्रों में पैदल गश्त करते हुए पूरे इलाके की सर्चिंग करते हैं।

गुरुवार को भी सीआरपीएफ की 195वीं बटालियन के जवान एरिया डोमिनेशन के लिए निकले थे, इसी दौरान CRPF टीम पर नक्सली हमला हो गया। दो जवान नक्सलियों द्वारा बिछाई गई प्रेशर आईईडी की चपेट में आ गए। नक्सली अक्सर जवानों की मूवमेंट के रास्ते में आईईडी या अन्य तरह के विस्फोटकों का प्रयोग हमले के लिए करते रहते हैं। 

नक्सलियों की कायराना हरकत और जवानों की स्थिति को ऐस समझें  

दंतेवाड़ा में CRPF के दो जवान घायल: नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर IED के हमले में CRPF के दो जवान घायल हो गए।

घायलों के नाम: घायल जवानों के नाम इंस्पेक्टर दीवान सिंह गुर्जर और आरक्षक आलम मुनेश हैं, जो CRPF की 195वीं बटालियन में पोस्टेड हैं।

घटना का स्थान: यह घटना मालेवाही थाना क्षेत्र के सातधार और मालेवाही के बीच हुई, जब जवान एरिया डोमिनेशन पर निकले थे।

IED का धमाका: जवानों का पैर प्रेशर IED पर पड़ते ही जोरदार धमाका हुआ, जिससे दोनों घायल हो गए।

इलाज जारी: दोनों घायल जवानों को फौरन अस्पताल भेजा गया और उनका इलाज जारी है, स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

क्या होता है एरिया डोमिनेशन?

एरिया डोमिनेशन एक बहुत ही महत्वपूर्ण ऑपरेशन है, जिसे CRPF और अन्य सुरक्षा बल नक्सल प्रभावित इलाकों में करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य नक्सलियों की गतिविधियों पर नज़र रखना और इलाके में सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है।

इन ऑपरेशनों में जवानों की भूमिका केवल सुरक्षा प्रदान करना नहीं बल्कि दुश्मन के खिलाफ आक्रामक तरीके से कार्यवाही करना भी होता है। इस बार, प्रेशर IED का उपयोग नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों को चौंका देने और उनका मनोबल तोड़ने के लिए किया गया था।

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प्रेशर IED का खतरा

प्रेशर IED एक प्रकार का विस्फोटक उपकरण है, जिसे जमीन में दबाकर लगाया जाता है और इस पर दबाव डालने से यह विस्फोट करता है। यह उपकरण नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों को नुकसान पहुँचाने के लिए बहुत अधिक प्रयोग किया जाता है। इन विस्फोटकों का सबसे बड़ा खतरा यह है कि ये अक्सर पुलिस और सुरक्षा बलों के रूटीन ऑपरेशनों के दौरान होते हैं, जिससे इनकी चपेट में आकर जवानों की जान खतरे में पड़ जाती है।  

नक्सलियों का बढ़ता खतरा

छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में नक्सलियों का आतंक लगातार बना हुआ है। उनकी कोशिश रहती है कि सुरक्षा बलों को नुकसान पहुँचाकर सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ जनता में विरोध पैदा किया जाए। हालांकि, राज्य और केंद्रीय सरकारें इन नक्सलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही हैं, लेकिन यह घटनाएँ यह साबित करती हैं कि नक्सलियों की गतिविधियाँ अभी भी एक गंभीर समस्या बनी हुई हैं।

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