सुकमा में बड़ा नक्सली ऑपरेशन, DRG, CRPF और STF की संयुक्त कार्रवाई, मुठभेड़ में नक्सलियों को भारी नुकसान

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच सुबह से भीषण मुठभेड़ जारी है। यह मुठभेड़ सुकमा के घने जंगलों में हो रही है, जहाँ DRG, CRPF और STF की एक संयुक्त टीम ने नक्सलियों को चारों ओर से घेर लिया है।

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Krishna Kumar Sikander
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Major Naxalite operation in Sukma the sootr
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छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के सुकमा जिले में मंगलवार, 29 जुलाई 2025 को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ की खबर सामने आई है। यह मुठभेड़ सुकमा के घने जंगलों में सुबह से चल रही है, जहां डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की संयुक्त टीम ने नक्सलियों को चारों ओर से घेर लिया है। प्रारंभिक सूचनाओं के अनुसार, इस मुठभेड़ में माओवादियों को भारी नुकसान पहुंचा है, हालांकि अभी तक आधिकारिक रूप से मारे गए या घायल नक्सलियों की संख्या की पुष्टि नहीं हुई है।

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शहीदी सप्ताह के दौरान बढ़ी नक्सली गतिविधियां

यह मुठभेड़ उस समय हुई, जब नक्सली अपने तथाकथित "शहीदी सप्ताह" मना रहे हैं, जो 28 जुलाई से 3 अगस्त तक चलता है। इस दौरान माओवादी अपने मारे गए साथियों की याद में विभिन्न गतिविधियां आयोजित करते हैं, जिसमें सुरक्षाबलों पर हमले और इलाके में दहशत फैलाने की कोशिश शामिल होती है।

नक्सलियों की इस बढ़ती हलचल को देखते हुए सुरक्षाबलों ने बस्तर क्षेत्र में अपनी सर्चिंग और निगरानी तेज कर दी थी। खुफिया जानकारी के आधार पर सुकमा जिले के जंगली इलाकों में DRG, CRPF और STF की टीमें सघन तलाशी अभियान चला रही थीं, तभी नक्सलियों के साथ उनकी आमना-सामना हो गया।

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कैसे शुरू हुई मुठभेड़?

सुबह के शुरुआती घंटों में शुरू हुई इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने रणनीतिक रूप से नक्सलियों को घेर लिया। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने पहले फायरिंग शुरू की, जिसका जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। दोनों ओर से गोलीबारी जारी है, और सुरक्षाबल नक्सलियों को पीछे हटने का कोई मौका नहीं दे रहे। मुठभेड़ स्थल पर भारी गोलीबारी की आवाजें सुनाई दे रही हैं, और इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया है ताकि नक्सली भाग न सकें।

सुकमा के पुलिस अधीक्षक (SP) किरण चव्हाण और CRPF के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) आनंद सिंह राजपुरोहित इस ऑपरेशन की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। सुरक्षाबलों की टीमें पूरी तरह से अलर्ट मोड पर हैं और अतिरिक्त बल को भी मौके पर भेजा गया है ताकि नक्सलियों पर दबाव बनाए रखा जाए।

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नक्सलियों को भारी नुकसान की खबर

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, इस मुठभेड़ में कई नक्सलियों के मारे जाने या घायल होने की संभावना है। हालांकि, जंगल के घने इलाके और चल रही गोलीबारी के कारण अभी तक सटीक जानकारी सामने नहीं आई है। सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के ठिकानों को निशाना बनाया है, और माना जा रहा है कि माओवादियों का कोई बड़ा दस्ता इस मुठभेड़ में फंसा हुआ है।

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बस्तर में नक्सल विरोधी अभियान तेज

बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान पिछले कुछ वर्षों में और मजबूत हुआ है। शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सलियों की गतिविधियों में वृद्धि को देखते हुए, सुरक्षाबल हर साल इस अवधि में अपनी रणनीति को और सख्त करते हैं।

सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित जिलों में ड्रोन, हेलीकॉप्टर और खुफिया तंत्र का उपयोग बढ़ा दिया गया है। इस मुठभेड़ को भी सुरक्षाबलों की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि नक्सलियों को उनके ही गढ़ में घेरकर जवानों ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है।

स्थानीय लोगों पर प्रभाव

नक्सल प्रभावित इलाकों में ऐसी मुठभेड़ों का स्थानीय आदिवासी समुदाय पर भी गहरा असर पड़ता है। ग्रामीण अक्सर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच फंस जाते हैं। इस मुठभेड़ के दौरान भी आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने की अपील की है।

सुरक्षाबल की कार्रवाई में कोई कोताही नहीं

सुरक्षाबलों का कहना है कि नक्सलियों के खिलाफ उनका अभियान और तेज किया जाएगा। शहीदी सप्ताह के दौरान और अधिक मुठभेड़ों की आशंका को देखते हुए, बस्तर के सभी जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। नक्सलियों के ठिकानों को नष्ट करने और उनके हथियारों को जब्त करने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कड़ी मानी जा रही है। जैसे-जैसे स्थिति स्पष्ट होगी, मुठभेड़ के परिणामों और नक्सलियों को हुए नुकसान की पूरी जानकारी सामने आएगी। फिलहाल, सुरक्षाबल अपनी कार्रवाई में कोई कोताही नहीं बरत रहे और नक्सलियों पर पूरी तरह से हावी होने की कोशिश में जुटे हैं।

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