भिलाई से हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। बेटी ने अपने ही माता-पिता से लाखों की ठगी की है। बेटी ने प्रेमी के साथ मिलकर माता-पिता के नाम पर लाखों रुपए का लोन ले लिया। युवती ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपनी मां और मामा के दस्तावेजों का इस्तेमाल करके अलग-अलग बैंकों से 54 लाख 22 हजार 880 रुपए की रकम निकाल लिए। शिकायत पर पुलिस ने धारा 420, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।
नेवई पुलिस ने बताया कि रिसाली निवासी रेलवे कर्मी नरेन्द्र ध्रुव ने शिकायत दर्ज कराई है। उसकी पत्नी बिमला ध्रुव गुंडरदेही सरकारी स्कूल में व्याख्याता है। उसका वेतन रिसाली एसबीआई बैंक खाते में हर महीने आता है। उसकी बड़ी बेटी खुशबु ध्रुव की जान पहचान मोहल्ले के शौर्य जीत साहू से थी।
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अपने ही माता-पिता को दिया धोखा
इसके चलते शौर्य का उसके घर आना-जाना था। अप्रैल 2022 से खुशबु अपनी सीए की पढ़ाई के लिए पुणे चली गई। उसके साथ सीए की पढ़ाई करने शौर्य जीत भी पुणे पहुंच गया। करीब एक साल बाद जुलाई 2023 में खुशबु ने अपनी मां बिमला को कॉल कर बताया कि उसने पुणे की पढ़ाई छोड़कर इंदौर के रिनाईनंस कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स विषय में एडमिशन ले लिया है।
इसके लिए उसने अपनी मां से उसकी तीन माह की सैलरी स्लीप, आधार कार्ड, पेनकार्ड और पिता नरेन्द्र का रेलवे का आईडी कार्ड अपने मोबाइल से मंगा लिया। इस बीच खुशबु और शौर्य जीत दोनों भिलाई घर आते-जाते रहे। तब शौर्वजीत, बिमला के मोबाइल से बैंक स्टेटमेंट का डाटा अपने मोबाइल पर ट्रांसफर कर लेता। पूछने पर कॉलेज में आवश्यकता होने का बहाना बना देता था।
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बैंक और फाइनेंस कंपनियों से लिया लोन
कुछ माह बाद विभिन्न कंपनियों का मैसेज और ऋण चुकाने के लिए वसूली एजेंट नरेन्द्र ध्रुव के घर आने लगे। इस बीच उसकी पत्नी बिमला के बैंक खाते से किस्त कटने लगी। बेटी खुशबू और शौर्य से पूछने पर बीमा प्रीमियम किश्त कटने की जानकारी दी। इस पर दोनों ने गोलमोल जवाब देते हुए ट्रेडिंग के काम का मैसेज आने का झांसा दिया।
संदेह होने पर नरेन्द्र ने अपने छोटे भाई चंद्रप्रकाश ध्रुव को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। इस पर मोबाइल में आए मैसेज की जांच कराने पर पूरे मामले का खुलासा हुआ कि बेटी खुशबु और शौर्य जीत ने मिलकर अपनी मां बिमला का ऑनलाइन आधार कार्ड, पेनकार्ड, बैंक स्टेटमेंट, सैलरी स्लीप से अलग-अलग बैंक और फाइनेंस कंपनी से लोन ले लिया था।
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प्रेमी ने लोन की राशि माता-पिता ट्रांसफर कर निकाली
जांच के दौरान परिजनों को पता चला कि शौर्य जीत साहू और खुशबु ध्रुव ने अपने मोबाइल नंबर के द्वारा दस्तावेजों का दुरुपयोग किया। इसके अलावा बैंक व प्राइवेट कंपनी से मिलने लोन से मिली रकम को शौर्य जीत ने अपने पिता आशीष नगर रिसाली निवासी योगेश साहू और मां गोमती साहू के बैंक खाते में 41 लाख 98 हजार 827 रुपए को भेजा। इसके बाद कैश को निकालकर रकम हड़प ली। फिलहाल पुलिस मामले में और पूछताछ कर रही है।
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