Kawasi Lakhma questioned by ED in Chhattisgarh liquor scam : छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में आबकारी मंत्री रहे कांग्रेस विधायक कवासी लखमा से ED रायपुर दफ्तर में पूछताछ कर रही है। लखमा सुबह करीब 11 बजे ईडी दफ्तर पहुंच गए थे। पूछताछ शाम आठ बजे खत्म हुई।
लखमा ने बताया कि ईडी ने उन्होंने बताया कि कुछ कागज बाकी हैं, जिन्हें पेश करने के लिए मैंने और कुछ दिन का समय मांगा है। मेरी बेटी और पत्नी ने संपत्ति का ब्योरा दिया है, अभी बड़े बेटे और बहू का देना है।
इससे पहले लखमा को 30 दिसंबर को समन जारी कर बुलाया गया था। लखमा के न पहुंचने पर ईडी ने एक और समन जारी कर उन्हें और उनके बेटे हरीश को पूछताछ के लिए बुलाया था। हरीश सुकमा से जिला पंचायत के अध्यक्ष हैं।
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अफसरों के सिर डाली जिम्मेदारी
पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया था कि उन्हें और पुत्र सहित अन्य को ईडी कार्यालय तलब किया गया है। साथ ही कहा कि वह अनपढ़ आदमी हैं, आबकारी अधिकारी एपी त्रिपाठी और उनके ओएसडी ने जिस कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए बोलते थे वह उसमें हस्ताक्षर कर देते थे। लखमा के अनुसार घोटाले का मास्टरमाइंड एपी त्रिपाठी है। इसमें कितने करोड़ रुपए का शराब घोटाला हुआ है, उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है।
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घर पर मोबाइल छोड़कर ओझा गायब
रायपुर के धरमपुरा स्थित कांग्रेस विधायक कवासी लखमा का बंगला सूना पड़ा था। बताया जा रहा है कि वे सुबह ही सुकमा निकल गए थे। वह बस्तर में आरक्षण को लेकर हुए बंद के कार्यक्रमों में कुछ देर के लिए शामिल हुए थे। जानकारी के अनुसार 2 जनवरी तक उन्हें ED दफ्तर में पेश होने कहा गया है।
वहीं, लखमा के करीबी सुशील ओझा की फिलहाल कोई खबर नहीं है। बताया जा रहा है कि ईडी के छापे के दो दिन पहले ही ओझा घर पर अपने दोनों मोबाइल फोन छोड़कर गायब हो गए हैं। ओझा के यहां भी ईडी ने छापा मारा था। उल्लेखनीय है कि लखमा के मंत्री रहते ओझा अधिकतर उनके बंगले पर दिखाई देते थे।
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गिरफ्तारी से सिर्फ एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दूर
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में भूपेश बघेल सरकार में आबकारी मंत्री रहे कांग्रेस विधायक कवासी लखमा की दहलीज पर गिरफ्तारी का संकट आ खड़ा हुआ। उनके जेल जाने से सिर्फ एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दूर है।
ईडी की ओर से सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करते ही कवासी लखमा की गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो जाएगा यानी ईडी उन्हें बिना किसी दिक्कत के गिरफ्तार कर सकती है। खास बात ये कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में एक बार जो भी आरोपी गिरफ्तार हुआ है, वो अब तक बाहर नहीं आ सका।
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इसलिए दायर करनी पड़ेगी सप्लीमेंट्री चार्जशीट
उल्लेखनीय है कि शराब घोटाले में ईडी की ओर से दायर की गई पहली चार्जशीट में कांग्रेस विधायक कवासी लखमा का नाम नहीं है। दरअसल, ईडी की ओर से जिस समय चार्जशीट दायर की गई थी, उस समय यानी 2023 में विधानसभा चुनाव हो रहे थे। कांग्रेस ईडी की कार्रवाई को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के इशारे पर होने का आरोप लगा रही थी।
ऐसे में उस समय यदि कवासी लखमा का नाम शामिल कर लिया जाता तो कांग्रेस आरोप लगाती कि आदिवासी मंत्री को जानबूझकर ईडी ने टारगेट किया। इससे गलत राजनीतिक संदेश जा सकता था। चूंकि, अब ईडी ने कांग्रेस विधायक को टारगेट पर ले ही लिया है, तो ED को गिरफ्तारी के लिए सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करनी होगा।
बेटे के यहां भी मारा था छापा
ईडी ने शनिवार को कांग्रेस विधायक कवासी लखमा के रायपुर स्थित बंगले तथा उनके बेटे हरीश कवासी के सुकमा स्थित बंगले पर छापामार कार्रवाई की थी। हरीश 10 साल से जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। इसके अलावा नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ साहू, ठेकेदार अभिषेक भदौरिया सहित रायपुर में कांग्रेस नेताओं के यहां छापामार कार्रवाई की गई थी।
इस आधार पर ईडी ने लिया निशाने पर
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ED आबकारी मंत्री रहे कांग्रेस विधायक कवासी लखमा और उनके परिवार तक पहुंच गई है। ईडी ने उनको फाइलों पर किए गए हस्ताक्षर के आधार पर घेरा है। लखमा परिवार पर ईडी ने फिलहाल आय से अधिक संपत्ति का कोई मामला नहीं बनाया है। यह बात कांग्रेस एमएलए कवासी लखमा ने भी कही है कि उनके नोटशीट पर साइन को लेकर ईडी ने पूछताछ की थी। हालांकि, लखमा ने यह कहकर अपना बचाव किया कि वे अनपढ़ हैं। अफसरों ने ही यह सब किया है।
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