Naxal affected Dantewada district : दंतेवाड़ा जिले में सक्रिय दो नक्सल कमेटियां पूरी तरह साफ हो गई हैं। दोनों कमेटियों के कमांडर एरिया छोड़कर भाग गए हैं। मलांगिर एरिया कमेटी की कमान अभी जयलाल के हाथों में है और कटेकल्याण एरिया कमेटी सोमड्डु संभाल रहा है। ये दोनों ही मलॉगिर एरिया के अपने सुरक्षित कहे जाने वाले गढ़ बुरगुम तक भी नहीं आ पा रहे हैं। जानकारी के अनुसार दोनों कमांडर सुकमा जिले में पनाह लिए हुए हैं।
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लांगिर, कटेकल्याण एरिया कमेटी में नक्सलियों का कोई मूवमेंट नहीं
पुलिस की मानें तो एक साल से कटेकल्याण और मलांगिर एरिया में हथियारबंद नक्सली नहीं पहुंच पाए हैं। मिलिशिया सदस्य भी अब इन दोनों कमेटियों में सक्रिय नहीं हैं। दंतेवाड़ा जिले में मलांगिर और कटेकल्याण एरिया कमेटी कई बड़ी नक्सली वारदातों को अंजाम देने में कामयाब हुई थीं। इसमें अरनपुर ब्लास्ट में 10 जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा श्यामगिरी ब्लास्ट, मैलावाड़ा ब्लास्ट जैसी बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुकी है।
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दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय के अनुसार मलांगिर और कटेकल्याण एरिया कमेटी में 1 साल से नक्सलियों का कोई मूवमेंट नहीं है। दंतेवाड़ा में नक्सली रुक नहीं पा रहे हैं। पूरा फोकस माड़ में किया जा रहा है। यहां सयुंक्त ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। इसमें इस साल बड़ी सफलताएं हाथ लगी हैं। एसपी ने कहा कि जो भी मिलिशिया सदस्य हैं, सभी चिन्हांकित हैं।
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थुलथुली मुठभेड़ के बाद नक्सलियों का अस्तित्व खतरे में
दंतेवाड़ा में इस बार जवानों ने 49 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता हासिल की है। इनमें से 44 इनामी नक्सली भी शामिल हैं। इसमें 25 लाख के 2, दस लाख के 1, आठ लाख के 14, पांच लाख के 20, दो लाख के इनामी 5 और 1 लाख के 2 इनामी नक्सली शामिल हैं। 56 नक्सलियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है।
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इसमें 5 इनामी नक्सली भी शामिल हैं। इस वर्ष दंतेवाड़ा में कुल 41 लाख के इनामी 234 नक्सली मुख्यधारा में लौट चुके हैं। देश की सबसे बड़ी पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में जवानों को बड़ी सफलता मिली। इसके बाद पूरा नक्सली संगठन हिल गया। थुलथुली मुठभेड़ के बाद नक्सलियों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।