रायपुर के रायपुरा चौक स्थित अविरल कांप्लेक्स में स्थित मल्टीचेन कंपनी आईबीसीसी (इंडिपेंडेंट बिजनेस कंसल्टेंट सेंटर) का ऑफिस युवाओं से अजीबोगरीब तरीके से ठगी कर रहा है। इस कंपनी द्वारा 18 से 22 साल के युवाओं को आकर्षक ट्रेनिंग के नाम पर शिकार बनाया जा रहा है। उन्हें यह भरोसा दिलाया जाता है कि यह ट्रेनिंग उनके जीवन को बदल देगी और उन्हें "पक्की नौकरी" मिल जाएगी, लेकिन असल में यह सब एक ठगी का हिस्सा है।
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इस प्रशिक्षण के दौरान, युवाओं को एक महीने के लिए हॉस्टल में रखा जाता है और कहा जाता है कि उन्हें अपनी जीवनशैली, पहनावे और चाल-चलन को बदलने के लिए नए कपड़े, जूते और टाई खरीदने होंगे। इसके बदले उनसे 50 हजार तक की राशि वसूली जाती है। ट्रेनिंग के बाद युवाओं को "नौकरी" का वादा किया जाता है, लेकिन जब वे घर वापस जाते हैं तो उन्हें सामान्य कपड़े और जूते देकर भेज दिया जाता है, और उनसे फिर से वसूली की जाती है।
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ब्रेनवॉश और परिवार से दूर रखने का तरीका
हैरान करने वाली बात यह है कि प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को न तो अपने परिवार से मिलने दिया जाता है और न ही मोबाइल का उपयोग करने की अनुमति होती है। प्रशिक्षकों का कहना होता है कि ऐसा करने से उनकी ट्रेनिंग प्रभावी नहीं हो सकेगी। यह सब ब्रेनवॉश का हिस्सा होता है, ताकि युवाओं से और पैसे वसूले जा सकें।
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पुलिस ने शुरू की जांच
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए रायपुर के आईजी ने तुरंत क्राइम ब्रांच के एडिशनल एसपी संदीप मित्तल को जांच की जिम्मेदारी सौंपी। पुलिस ने इस मामले को लेकर एक विशेष टीम बनाई है, जो ठग गैंग के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
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