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छत्तीसगढ़ के सीतापुर जिले में खनिज विभाग की शह पर मांड नदी से अवैध रेत खनन और परिवहन का काम बेखौफ हो रहा है। रेत माफिया अवैध खनन कर मोटी कमाई कर रहे हैं तो विभागीय अधिकारी अवैध कमाई में अपना हिस्सा लेकर मालामाल हो रहे हैं। वहीं, शासन को राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है। दूसरी ओर, अवैध और बेतरतीब खनन से मांड नदी सूख गई है। नतीजा यह है कि नदी किनारे बसे गांव के लोगों को जल संकट से जूझना पड़ रहा है।
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बेरोकटोक अवैध रेत खनन और परिवहन
सीतापुर जिले के ग्राम रजौटी भिठुवा प्रतापगढ़ खड़गांव में महारानीपुर मांड नदी गुजरती है। यहां इस नदी से अवैध रूप में बेरोकटोक रेत खनन और उसका परिवहन जारी है। यहां दिन-रात रेत भरकर जा रहे ट्रैक्टर देखे जा सकते हैं। बाद में ट्रैक्टरों में भरी रेत हाईवा पर लादी जाती है। हाईवा के माध्यम से रेत को बाहरी क्षेत्रों में खपाया जाता है। रेत के अवैध धंधे से होने वाली काली कमाई में सबका बराबर का हिस्सा है। रेत माफिया विभाग के अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक की जेब गर्म करते हैं। यहीं कारण है कि रेत माफिया बेखौफ होकर खनन कर रहे हैं।
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नदी के अस्तित्व पर मंडराया खतरा
मांड नदी में रेत माफियाओं के अवैध खनन से नदी के अस्तित्व पर खतरा पैदा हो गया है। रेत की अवैध और बेतरतीब खनन के कारण मांड नदी सूख गई है। अवैध कमाई के बल पर रेत माफिया और खनिज विभाग अधिकारी और कर्मचारी आरओ का पानी पी रहे हैं, लेकिन मांड नदी किनारे बसे गांव के लोगों जल संकट से जूझ रहे हैं। नदी किनारे बसे गांवों के लोग अवैध रेत खनन पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।
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सरपंच ने भी बनाया काली कमाई का जरिया
जिला सीतापुर के ग्राम प्रतापगढ़ स्थित मांड नदी में बिना पिट पास के अवैध उत्खनन किया जा रहा है। अवैध उत्खनन करने वालों से ग्राम पंचायत भी अवैध वसूली कर रही है। दरअसल, ग्राम पंचायत को खनिज विभाग ने पिट पास जारी किया था। इसी आधार मांड नदी से रेत खनन और परिवहन किया जाता था। अब खनिज विभाग ने ग्राम पंचायत को पिट पास जारी नही किया है। इसके बावजूद मांड नदी से रेत का अवैध खनन और परिवहन चल रहा है। इसमें ग्राम पंचायत का भी हाथ है। सरपंच ने भी अवैध खनन और परिवहन को काली कमाई का माध्यम बना लिया है।
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प्रधानमंत्री आवास की आड़ में तस्करी
गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बड़ी संख्या में पक्के मकान बनाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास के लिए रेत की आवश्यकता है। इसी का फायदा उठाकर सरपंच ट्रैक्टर को रेत परिवहन की लिखित छूट दे रहे हैं। रेत माफियाओं ने भी सरपंच को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिली छूट को अवैध धंधे का माध्यम बना लिया है। नदी से केवल वहीं रेत खनन और परिवहन कर सकता है, जिसके पास सरपंच द्वारा जारी अनुमति पत्र होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना की आड़ में रेत खनन और परिवहन का काम धड़ल्ले से चल रहा है। रेत केवल ट्रैक्टर से ही ले जाया जा सकता है, इसलिए ट्रैक्टर से ढुलाई कर डंपिंग ग्राउंड में इकट्ठा किया जाता है। बाद में यहीं से हाईवा पर भर कर बाहर ले जाकर खपाते हैं।
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