फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वालों में डिप्टी कलेक्टर, नायब तहसीलदार, लेखा अधिकारी, 27 पर कार्रवाई शुरू

छत्तीसगढ़ में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मुंगेली जिला प्रशासन ने ऐसे 27 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।

author-image
Krishna Kumar Sikander
New Update
Action started against 27 worked on fake disabled certificates the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मुंगेली जिला प्रशासन ने ऐसे 27 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है, जिन्होंने कथित तौर पर श्रवण बाधित (Hearing Impaired) होने के फर्जी प्रमाण पत्र पेश कर विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी प्राप्त की। अतिरिक्त कलेक्टर निष्ठा पांडे तिवारी ने सभी विभाग प्रमुखों को पत्र जारी कर इन कर्मचारियों के प्रमाण पत्रों की जांच करने और प्रतिवेदन सौंपने का निर्देश दिया है। इस मामले में सबसे अधिक प्रभावित शिक्षा और कृषि विभाग हैं, जहां फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए नियुक्तियां हुई हैं।

ये खबर भी पढ़ें... फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी करने वालों पर शिकंजा, कई अधिकारी जांच के घेरे में

फर्जी प्रमाण पत्रों का खेल कैसे हुआ उजागर?

मुंगेली जिले के लोरमी ब्लॉक के गांवों सारधा, सुकली, झाफल, फुलझर, विचारपुर, बोड़तरा और लोरमी से जारी किए गए कई दिव्यांग प्रमाण पत्रों पर सवाल उठे हैं। छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष बोहित राम चन्द्राकर ने बताया कि इन गांवों से फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए कई लोगों ने सरकारी नौकरियां हासिल की हैं।

ये खबर भी पढ़ें... Chhattisgarh में फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी करने वाले अफसर पहुंचे हाईकोर्ट | अब क्या होगा ?

इनमें 7 डिप्टी कलेक्टर, 3 नायब तहसीलदार, 3 लेखा अधिकारी, 3 पशु चिकित्सक, 2 सहकारिता निरीक्षक और 53 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा, तीन लोग कृषि शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। संघ ने दावा किया कि 2016 और 2018 में हुई भर्तियों में सबसे अधिक फर्जीवाड़ा हुआ, खासकर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पदों पर, जहां 50 लोगों ने फर्जी श्रवण बाधित प्रमाण पत्र पेश किए। जांच में यह भी सामने आया कि अधिकांश फर्जी प्रमाण पत्र बिलासपुर और मुंगेली में पदस्थ दो डॉक्टरों के हस्ताक्षर से जारी किए गए, जिनमें से एक बिलासपुर के स्वास्थ्य विभाग में महत्वपूर्ण पद पर है।

प्रमाण पत्रों पर सवाल

जांच में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि अधिकांश चयनित उम्मीदवारों के उपनाम राजपूत, सिंह और राठौर हैं, और ये लोग बिलासपुर, मुंगेली और जांजगीर-चांपा जिलों के निवासी हैं। अधिकांश फर्जी प्रमाण पत्र भी इन्हीं जिलों, खासकर लोरमी और जांजगीर-चांपा से जारी किए गए। छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने इन सभी प्रमाण पत्रों की राज्य मेडिकल बोर्ड से जांच की मांग की है, ताकि इस फर्जीवाड़े की पूरी सच्चाई सामने आए। 

कर्मचारियों की अनुपस्थिति और कानूनी कदम

अतिरिक्त कलेक्टर निष्ठा पांडे तिवारी ने बताया कि कई कर्मचारी मेडिकल बोर्ड के सामने जांच के लिए उपस्थित नहीं हो रहे हैं, जबकि कुछ ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस कार्रवाई को चुनौती दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी किसी कर्मचारी को बर्खास्त नहीं किया गया है, और कार्रवाई पूरी तरह से विभागों से प्राप्त प्रतिवेदन और मेडिकल जांच के आधार पर होगी। प्रशासन ने सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने कर्मचारियों के दिव्यांग प्रमाण पत्रों की जांच करें और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपें। 

ये खबर भी पढ़ें... आरक्षक भर्ती में फर्जी प्रमाण पत्र के साथ पकड़ाया अभ्यर्थी, FIR दर्ज

दिव्यांग सेवा संघ की मांग

छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने इस फर्जीवाड़े को दिव्यांग समुदाय के अधिकारों का हनन बताया है। बोहित राम चन्द्राकर ने कहा, “फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरी हासिल करने वालों ने उन वास्तविक दिव्यांग व्यक्तियों के अवसर छीने हैं, जिन्हें सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए था।” संघ ने मांग की है कि सभी संदिग्ध प्रमाण पत्रों की जांच राज्य मेडिकल बोर्ड से कराई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। 

ये खबर भी पढ़ें... एलडीसी भर्ती 2013 : डिप्लोमा के फर्जी प्रमाण पत्र लगा 277 लोगों ने पाई नियुक्ति

प्रशासन का पारदर्शिता का आश्वासन

मुंगेली जिला प्रशासन ने इस मामले में पारदर्शी और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। अतिरिक्त कलेक्टर ने कहा कि यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ की शिकायतों के आधार पर शुरू की गई है, और किसी भी दोषी कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि, कुछ कर्मचारियों की ओर से मेडिकल जांच में असहयोग और हाईकोर्ट में याचिका दायर करने से जांच प्रक्रिया में देरी हो रही है। 

फर्जी प्रमाण पत्रों का व्यापक असर

यह मामला केवल मुंगेली तक सीमित नहीं है। फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरी हासिल करने की घटनाएं छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी सामने आई हैं। यह न केवल सरकारी भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है, बल्कि उन वास्तविक दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों का भी उल्लंघन करता है, जिनके लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है। इस मामले ने छत्तीसगढ़ में भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और मेडिकल प्रमाणन की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

नजर जांच के परिणामों पर टिकी

मुंगेली जिला प्रशासन की यह कार्रवाई फर्जीवाड़े के खिलाफ एक सख्त संदेश देती है, लेकिन असली चुनौती अब जांच को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने में है। यदि मेडिकल बोर्ड की जांच में प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाते हैं, तो इन कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है।

साथ ही, फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने वाले डॉक्टरों और संबंधित अधिकारियों की भूमिका की भी जांच जरूरी है। छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ और स्थानीय समुदाय की नजर अब इस जांच के परिणामों पर टिकी है। यह मामला न केवल प्रशासनिक सुधारों की जरूरत को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वास्तविक हकदारों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए और सख्ती बरतने की जरूरत है।

thesootr links

 सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

 

Mungeli Fake Disability Scam | Chhattisgarh Disability Certificate Fraud | Fake Hearing Impairment Certificate | Mungeli Government Job Scam | Chhattisgarh Divyang Seva Sangh | Lormi Fake Certificate Case | मुंगेली फर्जी दिव्यांग घोटाला | छत्तीसगढ़ विकलांगता प्रमाणपत्र धोखाधड़ी | नकली श्रवण हानि प्रमाण पत्र | मुंगेली सरकारी नौकरी घोटाला | लोरमी फर्जी सर्टिफिकेट मामला

Chhattisgarh Divyang Seva Sangh छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ Mungeli Fake Disability Scam Chhattisgarh Disability Certificate Fraud Fake Hearing Impairment Certificate Mungeli Government Job Scam Lormi Fake Certificate Case मुंगेली फर्जी दिव्यांग घोटाला छत्तीसगढ़ विकलांगता प्रमाणपत्र धोखाधड़ी नकली श्रवण हानि प्रमाण पत्र मुंगेली सरकारी नौकरी घोटाला लोरमी फर्जी सर्टिफिकेट मामला