रायपुर. सरकार का गरीबी में गीला आटा हो रहा है। एक तरफ तो डॉक्टरों की कमी से प्रदेश जूझ रहा है तो दूसरी तरफ जो डॉक्टर हैं, वे भी सरकारी नौकरी को अलविदा कह रहे हैं। सरकार की एक पॉलिसी के कारण सरकारी डॉक्टरों के इस्तीफा देना का सिलसिला चल पड़ा है। प्रदेश के दो जिलों के तीन दर्जन डॉक्टर अब तक इस्तीफा दे चुके हैं। आखिर क्यों नाराज हैं सरकार से डॉक्टर। आइए आपको बताते हैं कि क्या है पूरा माजरा।
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प्रायवेट प्रेक्टिस पर सरकार की सख्ती
डॉक्टर प्रायवेट प्रेक्टिस पर सरकार की सख्ती से बड़े नाराज हैं। यही कारण है कि सरकार के इस सख्त रवैये से नाराज सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने इस्तीफा देना शुरु कर दिया है। यहां तक कि राजनांदगांव जिले के डॉक्टर्स तो सामूहिक इस्तीफा दे चुके हैं।
पिछले दस दिनों में 35 से ज्यादा डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। डॉक्टरों के इस्तीफे का सिलसिला 28 अक्टूबर से दुर्ग के चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज से शुरु हुआ। मामले ने तूल पकड़ा तो 2 दिन में 12 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया।
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इनमें अलग अलग विभाग के छह एचओडी भी शामिल हैं। छत्तीसगढ़ डॉक्टर फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ. हीरा सिंह लोधी कहते हैं कि एक सरकारी आदेश में निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने के लिए निजी अस्पतालों से शपथ पत्र मंगाए जा रहे हैं, जिसमें लिखा है कि, हमारे यहां कोई सरकारी डॉक्टर सेवा नहीं दे रहा है, जो लोग एनपीए ((नॉन प्रैक्टिस एलाउंस) नहीं ले रहे हैं, उन्हें भी प्रायवेट हास्पिटल में प्रैक्टिस से रोका जा रहा है।
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सरकारी आदेश वापस लेने की मांग
दरअसल, डॉक्टर्स का मानना है सरकारी आदेश अव्यवहारिक है। सरकारी आदेश में कहा गया है कि, जो डाक्टर्स प्राइवेट प्रैक्टिस करना चाहते हैं, वह अपने घर में ही करें। लेकिन मसला ये है कि एनिस्थिसिया, सर्जरी करने वाले डॉक्टर अपने घर में प्रैक्टिस कैसे करेंगे, उनको ऑपरेशन थिएटर की जरूरत होगी। डॉक्टर्स कहते हैं कि यह ऑर्डर प्रेक्टिकल नहीं है इसलिए इसे वापस लेना चाहिए। सरकारी डॉक्टरों को वेतन भी बहुत कम दिया जा रहा है। इन सबकी दिक्कत आम आदमी को झेलनी पड़ेगी।
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सरकार वेबसाइट पर डालेगी एनपीए ले रहे डॉक्टर्स की सूची
सरकार ने कहा है कि जो डॉक्टर एनपीए ले रहे हैं, उनकी सूची भी जारी की जाएगी और यदि इनमें से कोई डॉक्टर प्रायवेट प्रेक्टिस कर रहे हैं उनकी शिकायत आम आदमी भी कर सकता है।
इसके लिए नंबर भी जारी किया जा रहा है। वहीं दुर्ग, राजनांदगांव के बाद रायगढ़ में सामूहिक इस्तीफे की तैयारी की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि पहले से चले आ रहे नियमों को ही सख्ती से पालन करवाने की कोशिश की जा रही है।
कुछ डॉक्टर ने इस्तीफा दिया है। उच्च अधिकारियों के जरिए डॉक्टरों से बातचीत की कोशिश की जा रही है और आपसी तालमेल से कोई बीच का रास्ता निकाल लिया जाएगा।
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