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डोंगरगढ़ की शांत पहाड़ियों में एक फर्जी बाबा तरुण अग्रवाल उर्फ सोनू (45 वर्ष) द्वारा संचालित योग आश्रम में गंभीर आपराधिक गतिविधियों का पर्दाफाश हुआ है। बाबा के नाम से चल रहे इस योग आश्रम में न केवल नशे का कारोबार चल रहा था, बल्कि पुलिस को विदेशी फंडिंग, विदेशी लड़कियों के साथ कनेक्शन, संदिग्ध वेबसाइट, और सेक्स रैकेट जैसे कई अहम सुराग भी मिले हैं।
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गोवा जैसा आश्रम, लेकिन मकसद था गलत
तरुण अग्रवाल “क्रांति योगा फर्म” का डायरेक्टर खुद को बताता है। वह पहले गोवा के पटनेम बीच पर योग और स्पा रिसॉर्ट चला चुका है, जहाँ से उसका नेटवर्क विदेशों तक फैला। पुलिस को शक है कि डोंगरगढ़ में उसने वैसी ही एक जगह बसाने की योजना बनाई थी।
आश्रम की बनावट फार्महाउस जैसी थी, और महाराष्ट्र की एक टीम इसे हाईटेक बनाने में लगी हुई थी। फार्महाउस अब भी निर्माणाधीन है, लेकिन कई लोगों का वहाँ आना-जाना शुरू हो गया था।
पुलिस छापेमारी में चौंकाने वाले खुलासे
डोंगरगढ़ पुलिस ने 24 जून को गुप्त सूचना के आधार पर आश्रम पर छापा मारा। वहाँ से पुलिस को गांजा और नशीली सामग्री, सेक्स टॉयज व इंजेक्शन-गोगो, वियाग्रा, कमरे के बाहर टंगा हुआ कंकाल का ढांचा, वॉशरूम में अश्लील सामग्री और टॉयज बरामद हुए। पुलिस ने इस मामले में तरुण अग्रवाल को कोटप्पा एक्ट के तहत गिरफ्तार किया और पूछताछ शुरू की।
बच्चों को भी बनाया निशाना
एफआईआर में एक बेहद चौंकाने वाला आरोप यह भी है कि तरुण आश्रम में आने वाले बच्चों को गांजा पिलाया करता था और उनके जरिये गांजा बेचा भी जाता था। ये आरोप जांच को और गंभीर बना रहे हैं।
विदेशी नेटवर्क और 32 राजदारों की तलाश
पुलिस जांच में यह सामने आया है कि क्रांति योगा फर्म में 32 लोग सक्रिय रूप से जुड़े थे, जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। ये लोग योग सिखाने, पैकेज बेचने और विदेशी फंड लाने जैसे कामों में लगे थे। इन लोगों से संपर्क की कोशिश की जा रही है। आशंका है कि विदेशों से डॉलर में पैसा आता था, और उसका इस्तेमाल आपत्तिजनक गतिविधियों में होता था।
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गोवा पुलिस से संपर्क, नेपाली कुक से पूछताछ
डोंगरगढ़ पुलिस ने मामले में गोवा पुलिस से संपर्क किया है ताकि ये पता लगाया जा सके कि गोवा में तरुण जिस आश्रम से जुड़ा था, वहां पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है।
इसके साथ ही पुलिस ने आश्रम में काम करने वाले नेपाली कुक से भी पूछताछ की है, जिसकी जानकारी पर अब पुलिस वहां आने-जाने वालों की पहचान कर रही है।
वेबसाइट से बुकिंग, पैकेज और पैसे की लूट
पुलिस ने पाया कि तरुण अग्रवाल की फर्म की एक वेबसाइट वर्ष 2024 में बनाई गई, जिसमें चार अलग-अलग कैटेगरी के पैकेज बेचे जाते थे। इन पैकेज के नाम पर विदेशी ग्राहकों से डॉलर में भुगतान लिया जाता था। जबकि वह दावा करता है कि वह पिछले 10 वर्षों से यह कार्य कर रहा है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस के अनुसार अभी कुछ एनजीओ और उनके फंडिंग स्रोतों की जांच चल रही है। जैसे ही सभी रिकॉर्ड मिलते हैं, वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डोंगरगढ़ की पहाड़ियों में चल रहा यह कथित 'योग आश्रम' असल में नशे, यौन शोषण और विदेशी फंडिंग से जुड़ी आपराधिक गतिविधियों का अड्डा बन चुका था। पुलिस की समय रहते की गई कार्रवाई ने इस मामले को उजागर कर दिया है। अब पूरी नजर विदेशी फंडिंग, नेटवर्क और आश्रम से जुड़े अन्य लोगों पर है।
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