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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक द्वारा दिनदहाड़े स्कूल परिसर में शराब पीने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मस्तूरी ब्लॉक के मचहा प्राइमरी स्कूल में सहायक शिक्षक संतोष कुमार केवट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें वह महिला हेडमास्टर तुलसी गणेश चौहान के सामने टेबल पर चखना और शराब की बोतल रखकर पैग बनाता और पीता नजर आ रहा है।
वीडियो में शिक्षक बेधड़क कहता है, “मैं किसी से नहीं डरता, जाओ बीईओ, डीईओ, कलेक्टर को बुलाओ, कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता।” इस घटना ने शिक्षा विभाग और प्रशासन को हिलाकर रख दिया है, और शिक्षक को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।
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वायरल वीडियो ने खोली पोल
यह शर्मनाक घटना 28 फरवरी 2024 को मचहा प्राइमरी स्कूल में हुई थी, लेकिन इसका वीडियो हाल ही में जुलाई 2025 में फिर से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में संतोष कुमार केवट अपनी जेब से देसी शराब का पव्वा निकालकर टेबल पर रखता है और चखना के साथ पैग बनाकर पीता है। जब उससे स्कूल में शराब पीने पर सवाल किया जाता है, तो वह गुस्से में कहता है, “मैं रोज पीता हूं, आपको क्या दिक्कत है? बच्चे पढ़ते हैं तो क्या हुआ? जिंदगी में बहुत टेंशन है, क्या करें?”
वह यह भी कहता है, “वीडियो बना लो, कलेक्टर, डीईओ, बीईओ को दिखा दो, मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता।” इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने शिक्षक की इस हरकत की कड़ी निंदा की है। कई यूजर्स ने इसे शिक्षा व्यवस्था पर धब्बा करार दिया, जबकि कुछ ने इसे “विष्णु सरकार के सुशासन” पर सवाल उठाने का मौका बनाया।
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तत्काल निलंबन और जांच के आदेश
वीडियो के वायरल होने के बाद बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) टी.आर. साहू ने मामले को गंभीरता से लिया और खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को जांच के निर्देश दिए। जांच में शिक्षक की हरकत सही पाई गई, जिसके बाद संतोष कुमार केवट को तत्काल निलंबित कर दिया गया।
डीईओ ने बताया कि शिक्षक के खिलाफ पचपेड़ी थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए बीईओ को निर्देश दिए गए हैं। बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने भी इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। शिक्षक के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है।”
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शिक्षक की दलील, जिंदगी में टेंशन है
संतोष कुमार केवट ने वीडियो में अपनी हरकत का बचाव करते हुए कहा, “जिंदगी में बहुत टेंशन है, इसलिए पीता हूं।” उसने यह भी दावा किया कि वह रोजाना शराब पीता है और उसे किसी की परवाह नहीं है। यह बयान उसकी बेफिक्री और लापरवाही को दर्शाता है, जो एक शिक्षक के लिए बेहद निंदनीय है।
स्कूल में मौजूद महिला हेडमास्टर तुलसी गणेश चौहान ने इस घटना पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, उन्होंने पहले भी शिक्षक की शराबखोरी की शिकायत की थी, जिस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी।
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शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह घटना छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठा रही है। मचहा प्राइमरी स्कूल में बच्चे प्राथमिक शिक्षा के लिए आते हैं, और ऐसे माहौल में शिक्षक का शराब पीकर धौंस दिखाना न केवल बच्चों के भविष्य के लिए खतरनाक है, बल्कि स्कूल के माहौल को भी दूषित करता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि संतोष कुमार की शराबखोरी की आदत पुरानी थी, लेकिन स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण यह मामला अब तक दबा रहा।सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लोगों ने गुस्सा जाहिर किया है। एक यूजर ने लिखा, “यह शिक्षक नहीं, शिक्षा का दुश्मन है। ऐसे लोगों को स्कूल में बच्चों के पास नहीं होना चाहिए।”
वहीं, विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस ने इसे सरकार की नाकामी करार दिया। कांग्रेस नेता अरिश अनवर ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, “क्या यही है विष्णु का सुशासन? स्कूल में शिक्षक शराब पीकर धौंस दिखा रहा है।”
पहले भी सामने आए ऐसे मामले
यह कोई पहला मामला नहीं है जब छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की शराबखोरी चर्चा में आई हो। 2022 में भी बिलासपुर के मस्तूरी में एक शराबी शिक्षक का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह बच्चों को छुट्टी देकर घर भेज देता था। 2024 में मनेंद्रगढ़ में एक प्रिंसिपल का शराब पीते हुए वीडियो सामने आया था, जिसमें वह पैसे की मांग कर रहा था।
बस्तर में भी एक शिक्षक को शराब के नशे में बच्चों से गाली-गलौज करने पर छात्रों ने जूते-चप्पल से पीट दिया था। ये घटनाएं शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली और शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाती हैं।
जनता और प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस घटना ने स्थानीय लोगों में गुस्सा पैदा कर दिया है। मचहा गांव के निवासियों ने मांग की है कि ऐसे शिक्षकों को स्थायी रूप से नौकरी से हटाया जाए और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो। कुछ अभिभावकों ने कहा, “हम अपने बच्चों को शिक्षा के लिए स्कूल भेजते हैं, न कि शराबियों के हवाले करने।”
बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा, “शिक्षक का व्यवहार अस्वीकार्य है। निलंबन के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी होगी। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।” शिक्षा विभाग ने भी स्कूलों में नियमित निरीक्षण और शिक्षकों की निगरानी बढ़ाने की बात कही है।
कटघरे में शिक्षा विभाग
इस घटना ने छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। संतोष कुमार केवट के खिलाफ निलंबन और एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन यह मामला केवल एक शिक्षक तक सीमित नहीं है। यह शिक्षा व्यवस्था में गहरी खामियों को उजागर करता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षकों की भर्ती, प्रशिक्षण, और निगरानी प्रक्रिया को और सख्त करने की जरूरत है। साथ ही, स्कूलों में शराबखोरी और अनुशासनहीनता पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जानी चाहिए।यह घटना न केवल बिलासपुर, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में शिक्षा के प्रति सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठा रही है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्कूल बच्चों के लिए सुरक्षित और प्रेरणादायक स्थान बने रहें, न कि शराबखोरी का अड्डा।
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