BILASPUR. अस्पतालों की लापरवाही के कारण एक मासूम का जीवन बर्बाद हो गया है। डॉक्टर की लापरवाही के कारण बच्चे का हाथ तक कटवाना पड़ गया। कलेक्टर ने इस मामले में जांच करने की बात कही है। परिवार के लोगों ने मुआवजा और कार्रवाई को लेकर गुहार लगाई है। दरसअल डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही की घटना सामने आई है, जिसमें डिलीवरी के दौरान एक नवजात बच्चे के हाथ में घाव बन गया, जिसके कारण बच्चे को गैंगरीन हो गया। नौबत यहां तक पहुंच गई की मासूम बच्चे की जान बचाने के लिए उसका हाथ काटना पड़ा।
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क्या है पूरा मामला?
मामला मनेंद्रगढ़-चिरिमिरी का है। जनकपुर निवासी सुखीराम फॉरेस्ट गार्ड हैं, उनकी पत्नी गर्भवती थी तो उसे डिलीवरी कराने के लिए बीते जून माह 2023 में सिम्स लेकर आए। जहां डिलीवरी के बाद उनकी पत्नी ने नवजात शिशु को जन्म दिया। इस दौरान उसके हाथ में घाव हो गया, जो धीरे-धीरे हथेली में फैल गया और उसके हाथ में गैंगरीन हो गया। सुखीराम ने बताया कि उनके बेटे के हाथ में घाव का सिम्स के डॉक्टरों ने सही तरीके से इलाज नहीं किया और उसे निजी अस्पताल रेफर कर दिया। इसके बाद उन्होंने बच्चे को लोटस हॉस्पिटल में भर्ती कराया। यहां भी डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती, जिसके चलते बच्चे के हाथ में गैंगरीन हो गया और हथेली के ऊपर तक फैल गया। बच्चे की हालत गंभीर होने पर लोटस अस्पताल प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिए, फिर परिजन बच्चे को लेकर नागपुर गए। जहां डॉक्टरों ने हाथ काटकर बच्चे की जान बचाने की सलाह दी। ऑपरेशन के बाद उसका हाथ काटना पड़ा।
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अब इंसाफ की मांग
पूरे मामले को लेकर तत्कालीन कलेक्टर से शिकायत की गई थी। जिसकी जांच अब तक पूरी नहीं हो पाई है। अब परिवार अपनी शिकायत लेकर कलेक्टर अवनीश शरण के पास पहुंचा है। कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि जल्द जांच पूरी कर ली जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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