इन्वेस्टमेंट के नाम पर 50 लाख की ठगी का पर्दाफाश: फर्जी एमसीएक्स कंपनी ने ऐसे खेला खेल...

दुर्ग जिले में निवेशकों के साथ बड़ा खेल! फर्जी एमसीएक्स कंपनी के नाम पर ठगों ने 50 लाख रुपए हड़प लिए। बॉन्ड पेपर और मुनाफे का झांसा देकर पैसों की बर्बादी का ऐसा जाल रचा गया, जिसकी परतें अब पुलिस जांच में खुल रही हैं।

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Harrison Masih
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Durg fraud case:दुर्ग जिले में निवेशकों को झांसा देकर करीब 50 लाख रुपए की ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। आरोपियों ने लोगों को भरोसा दिलाया कि उनकी फर्जी एमसीएक्स कंपनी में निवेश करने पर हर महीने 3 से 7 प्रतिशत का मुनाफा मिलेगा। शुरुआत में कुछ रकम वापस भी की गई, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा, लेकिन बाद में पूरा खेल ठगी में बदल गया।

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कैसे रची गई ठगी की साजिश

14 दिसंबर 2022 से 30 दिसंबर 2024 तक आरोपियों ने निवेशकों को बड़े मुनाफे का लालच देकर अपने जाल में फंसाया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कंपनी में निवेश करने पर हर महीने 3 से 7 प्रतिशत का लाभ मिलेगा और यदि 60 दिनों तक लाभांश नहीं मिला तो बॉन्ड पेपर के जरिए रकम लौटा दी जाएगी। इसी विश्वास के चलते निवेशकों ने लाखों रुपए लगाए, लेकिन बाद में पता चला कि दिए गए बॉन्ड पेपर भी फर्जी थे (Durg 50 lakh fraud) और पूरा खेल लोगों को धोखा देने के लिए रचा गया था।

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निवेशकों से लूटा करोड़ों का पैसा

प्रार्थी योगेश साहू, उनकी पत्नी और दोस्तों ने मिलकर अलग-अलग किस्तों में कुल 49.50 लाख रुपए कंपनी में जमा किए। शुरुआत में थोड़ी रकम लौटाई गई, लेकिन जुलाई-अगस्त 2024 के बाद भुगतान पूरी तरह बंद हो गया। जब निवेशकों ने बॉन्ड पेपर दिखाकर रकम मांगी, तो आरोपियों ने पलटकर कह दिया कि यह फर्जी है।

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पुलिस की कार्रवाई

पीड़ितों ने 27 अप्रैल 2025 को नेवई थाने में शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद आरोपी प्रकाशचंद पाढ़ी और मास्टरमाइंड संतोष आचार्य पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ। पुलिस ने 25 सितंबर 2025 को प्रकाशचंद पाढ़ी को संबलपुर (ओडिशा) से गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से 2 मोबाइल फोन भी जब्त किए। वहीं, मास्टरमाइंड संतोष आचार्य पहले से ही एक अन्य धोखाधड़ी मामले में संबलपुर जेल में बंद है।

डायरेक्टर बनकर करता था धोखाधड़ी

संतोष आचार्य खुद को फर्जी एमसीएक्स कंपनी का डायरेक्टर बताकर लोगों को विश्वास दिलाता था, जबकि उसका साथी प्रकाशचंद पाढ़ी सक्रिय रूप से इस नेटवर्क को संभाल रहा था। दोनों ने मिलकर निवेशकों को झूठे मुनाफे का लालच देकर करोड़ों की ठगी की। मामले की गंभीरता को देखते हुए दुर्ग कोर्ट ने संतोष आचार्य को प्रोडक्शन वारंट पर 6 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया है, ताकि पूरे फर्जीवाड़े की गुत्थी सुलझाई जा सके।

दुर्ग ठगी केस की मुख्य बातें

1. नकली एमसीएक्स कंपनी का जाल

आरोपियों ने फर्जी एमसीएक्स कंपनी बनाकर निवेशकों को हर महीने 3 से 7 प्रतिशत मुनाफे का लालच दिया।

2. बॉन्ड पेपर का धोखा

निवेशकों को विश्वास दिलाने के लिए आरोपियों ने बॉन्ड पेपर थमाए और कहा कि 60 दिन में लाभ न मिलने पर रकम लौटा दी जाएगी।

3. 49.50 लाख की ठगी

दुर्ग के योगेश साहू, उनकी पत्नी और दोस्तों से अलग-अलग किस्तों में करीब 49.50 लाख रुपए ठगे गए।

4. मास्टरमाइंड और गिरफ्तारी

मामले का मास्टरमाइंड संतोष आचार्य पहले से ही ओडिशा जेल में बंद है, जबकि उसका साथी प्रकाशचंद पाढ़ी को 25 सितंबर 2025 को पुलिस ने ओडिशा से गिरफ्तार किया।

5. कोर्ट और जांच की कार्रवाई

दुर्ग कोर्ट ने संतोष आचार्य को 6 अक्टूबर को प्रोडक्शन वारंट पर पेश होने का आदेश दिया है और पुलिस अब इस ठगी नेटवर्क की बाकी कड़ियों की जांच कर रही है।

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आगे की जांच जारी

एएसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि यह ठगी एक सोची-समझी साजिश थी। आरोपियों ने पहले निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए छोटे-छोटे पेमेंट लौटाए, और जैसे ही निवेश की रकम बढ़ी, उन्होंने पैसा देना बंद कर दिया। अब पुलिस इस नेटवर्क की बाकी कड़ियों को तलाशने में जुटी है।

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