सरकारी नौकरी का झांसा देकर 45 लाख की ठगी, 3 साल से फरार गैंग का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। तीन साल से फरार मास्टरमाइंड अरुण मेश्राम को पुलिस ने कांकेर से गिरफ्तार किया है। अब जांच में और भी बड़े नाम सामने आने की संभावना!

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Harrison Masih
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Durg. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। आरोपी अरुण मेश्राम (54 वर्ष) पिछले तीन साल से फरार था और कांकेर में किराये के मकान में छिपकर रह रहा था। अंजोरा पुलिस ने विशेष टीम बनाकर घेराबंदी की और उसे गिरफ्तार कर लिया।

इस ठगी के मामले में दो आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। अब मुख्य आरोपी के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने पूरे गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है।

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कैसे हुआ था ठगी का खेल

यह पूरा मामला 2 जुलाई 2022 का है। ग्राम चिरचार निवासी संतराम देशमुख (54 वर्ष) ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपी भेषराम देशमुख और रविकांत देशमुख ने अपने साथी अरुण मेश्राम के साथ मिलकर खुद को मंत्रालय का बड़ा अधिकारी बताकर सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 5 लाख रूपए ले लिए।

जब तय समय पर नौकरी नहीं मिली और वादा पूरा नहीं हुआ, तो संतराम ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई। जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने इसी तरीके से 20 से 25 लोगों से 40 से 45 लाख रूपए ठगे थे।

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कांकेर में छिपा था मास्टरमाइंड

चौकी प्रभारी खेलन सिंह साहू को सूचना मिली कि अरुण मेश्राम कांकेर में रह रहा है। पुलिस ने तुरंत टीम बनाकर 14 अक्टूबर को दबिश दी और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर दर्जनों लोगों से सरकारी नौकरी का झांसा देकर रूपए वसूले।

पहले गिरफ्तार हुए थे पिता-पुत्र

इस मामले (Durg Job Fraud Case) में अंजोरा निवासी भेषराम देशमुख और उसका बेटा रविकांत देशमुख पहले ही गिरफ्तार होकर जेल जा चुके हैं। दोनों ने पुलिस को बताया था कि अरुण मेश्राम मंत्रालय में अधिकारियों के साथ जान-पहचान का झूठा दावा करता था और इसी भरोसे पर लोगों को फंसाता था।

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ठगी की रकम से खरीदा प्लॉट

पुलिस पूछताछ में अरुण मेश्राम ने बताया कि तीनों ने ठगी की रकम आपस में बांट ली थी। अपने हिस्से से उसने कांकेर में करीब 15 लाख रूपए का प्लॉट खरीदा था। वह पिछले तीन साल से उसी रकम से घर खर्च चला रहा था। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके पास से प्लॉट खरीदी का एग्रीमेंट और नकद 4,000 रूपए भी बरामद किए हैं। आरोपी को अब न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।

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पुलिस अब ठगी के शिकार लोगों की तलाश में

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी लंबे समय से भोले-भाले युवाओं को सरकारी नौकरी का लालच देकर फंसाता था। अब पुलिस अन्य पीड़ितों की पहचान करने और ठगी की रकम से खरीदी गई अन्य संपत्तियों की जांच कर रही है।

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