RAIPUR: छत्तीसगढ़ में हुए कस्टम मिलिंग घोटाले में ईडी (Enforcement Directorate (ED) ने कार्रवाई की है। ईडी ने भूपेश सरकार के समय हुए 175 करोड़ के कस्टम मिलिंग घोटाले (CG Custom Milling Scam) में आरोपी मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी को गिरफ्तार (Former MD Manoj Soni arrested) कर लिया है। इससे पहले एसीबी ने मिलर्स एसोसिएशन (Millers Association) के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर को भी ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को सौंप दिया है। ईडी ने कोर्ट से इनकी दस दिन की रिमांड मांगी है। जांच एजेंसी को भरोसा है कि इनसे पूछताछ में कई बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं।
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जानें क्या है पूरा मामला..
कस्टम मिलिंग घोटाले में मार्कफेड के पूर्व प्रबंध निदेशक मनोज सोनी (Former Managing Director Manoj Soni) समेत पांच आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। इन पर 140 करोड़ की अवैध वसूली (Illegal recovery) का आरोप है। इस पूरे मामले में अफसरों से लेकर मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी तक शामिल हैं। जांच में ये बात सामने आई है कि एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर लेवी वसूलते थे और अफसरों को जानकारी देते थे। जिनसे रुपए नहीं मिलते थे उनका भुगतान रोक दिया जाता। कारोबारियों ने भी माना की अफसरों को हर काम का पैसा देना पड़ता था। विधानसभा में भी बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा कहा था कि, कस्टम मिलिंग में प्रति टन 20 रुपए वसूली की जाती है। ACB अफसरों के मुताबिक, आरोपी अफसरों और मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।
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सवा साल से चल रहा था खेल
कारोबारियों के मुताबिक मनोज सोनी और उनके सहयोगियों का यह खेल पिछले सवा साल से चल रहा था। इसके लिए बाकायदा पूरी टीम काम कर रही थी। इस टीम में मार्कफेड के अधिकारी और छत्तीसगढ़ स्टेट इन मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी शामिल थे। आरोप है कि आरोप है कि, कस्टम मिलिंग, डीओ काटने, मोटा धान को पतला, पतले धान को मोटा करने, एफसीआई को नान में कंवर्ट करने का पैसा लिया जाता था।